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बिहार में पहली बार! बक्सर के अहिरौली घाट पर 5 पंडा महाराजों की महाआरती, बना इतिहास

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बक्सर, बिहार – गंगा नदी के तट पर बसे ऐतिहासिक और पवित्र स्थल अहिरौली गंगा घाट पर 15 जुलाई 2025 को एक भव्य गंगा महाआरती समारोह का आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन सायं 6 बजे से शुरू होगा और मां गंगा दल सेवा समिति तथा विश्वामित्र सेना के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न होगा। इस विशेष अवसर पर बिहार में पहली बार एक साथ पांच पंडा महाराज मां गंगा की महाआरती करेंगे, जो इस आयोजन को और भी विशिष्ट बनाएगा। स्थानीय गंगा समिति के 142वें रविवार के पूर्ण होने की खुशी में यह समारोह आयोजित किया जा रहा है, जो सनातन संस्कृति और गंगा के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।

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सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उत्सव का अनूठा संगम

इस भव्य आयोजन में सनातन संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी, जिसमें भोजपुरी के लोकप्रिय गायक अरविंद अकेला उर्फ कल्लू अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति से समारोह में चार चांद लगाएंगे। उनके भक्ति और लोक संगीत से सजे गीत न केवल श्रद्धालुओं का मन मोहेंगे, बल्कि गंगा मैया के प्रति आस्था को और गहरा करेंगे। यह आयोजन केवल एक धार्मिक समारोह नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का एक अनूठा संगम होगा।

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विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक श्री राजकुमार चौबे इस आयोजन में विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे और गंगा आरती में हिस्सा लेंगे। उन्होंने इस अवसर पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “गंगा मैया सनातन संस्कृति की जीवनरेखा हैं। अहिरौली जैसे ऐतिहासिक स्थल पर इस प्रकार की महाआरती केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना का उत्सव है। विश्वामित्र सेना का उद्देश्य सनातन पुनर्जागरण को बढ़ावा देना है, और यह आयोजन उसी दिशा में एक सशक्त कदम है।”

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अहिरौली गंगा घाट: एक ऐतिहासिक और पवित्र स्थल

अहिरौली गंगा घाट बक्सर जिले का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। यह घाट न केवल स्थानीय लोगों के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि बिहार और आसपास के क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। गंगा नदी के किनारे बसा यह घाट अपनी शांति और पवित्रता के लिए जाना जाता है। इस आयोजन के माध्यम से इस स्थल की महत्ता को और अधिक उजागर करने का प्रयास किया जा रहा है।

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मां गंगा दल सेवा समिति और विश्वामित्र सेना ने इस आयोजन को भव्य और व्यवस्थित बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि भी इस समारोह में शामिल होंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव को भी बढ़ावा देगा।

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गंगा मैया: सनातन संस्कृति की जीवनरेखा

गंगा नदी को हिंदू धर्म में मां का दर्जा प्राप्त है। यह नदी केवल जल स्रोत नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और जीवन का आधार है। गंगा के तट पर होने वाली आरती और पूजन का विशेष महत्व है, क्योंकि यह न केवल आत्मा को शुद्ध करता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जागरूकता को भी प्रोत्साहित करता है। श्री राजकुमार चौबे ने अपने संदेश में इस बात पर जोर दिया कि गंगा मैया के प्रति श्रद्धा और उनके संरक्षण का संकल्प हमारी सांस्कृतिक जिम्मेदारी है।

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आयोजन की विशेषताएं

  • पांच पंडा महाराजों द्वारा महाआरती: बिहार में पहली बार एक साथ पांच पंडा महाराज गंगा मैया की आरती करेंगे, जो इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाएगा।
  • सांस्कृतिक प्रस्तुति: भोजपुरी के प्रसिद्ध गायक अरविंद अकेला उर्फ कल्लू अपने भक्ति गीतों और लोक संगीत से समारोह को और आकर्षक बनाएंगे।
  • सामाजिक और धार्मिक संगठनों की भागीदारी: विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि और स्थानीय श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल होंगे, जो सामुदायिक एकता को दर्शाएगा।
  • सनातन पुनर्जागरण का संदेश: विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक श्री राजकुमार चौबे की उपस्थिति और उनका संदेश सनातन संस्कृति के प्रति जागरूकता को बढ़ाएगा।

स्थानीय स्तर पर उत्साह का माहौल

इस आयोजन को लेकर अहिरौली और बक्सर के स्थानीय निवासियों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। लोग इस समारोह को एक ऐतिहासिक घटना के रूप में देख रहे हैं, जो न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। आयोजकों ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उचित व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है, जिसमें सुरक्षा, बैठने की व्यवस्था और स्वच्छता शामिल हैं।

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गंगा संरक्षण का संदेश

यह आयोजन केवल धार्मिक उत्सव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह गंगा नदी के संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का भी एक अवसर है। नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा की स्वच्छता और पवित्रता को बनाए रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी इस आयोजन के माध्यम से प्रोत्साहन मिलेगा। श्री राजकुमार चौबे ने कहा, “गंगा मैया का संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है। यह आयोजन हमें इस दिशा में और अधिक सक्रिय होने के लिए प्रेरित करेगा।”

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कैसे पहुंचें अहिरौली गंगा घाट?

अहिरौली गंगा घाट बक्सर जिले में आसानी से पहुंचा जा सकता है। बक्सर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से घाट तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। आयोजकों ने श्रद्धालुओं के लिए परिवहन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था भी की है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस आयोजन का हिस्सा बन सकें।

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15 जुलाई 2025 को अहिरौली गंगा घाट पर होने वाली गंगा महाआरती न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह सनातन संस्कृति, सामाजिक एकता और गंगा संरक्षण का एक शक्तिशाली प्रतीक है। पांच पंडा महाराजों द्वारा की जाने वाली यह ऐतिहासिक आरती और अरविंद अकेला उर्फ कल्लू की सांस्कृतिक प्रस्तुति इस आयोजन को अविस्मरणीय बनाएगी। सभी श्रद्धालुओं और सनातन संस्कृति के प्रेमियों से अनुरोध है कि वे इस पवित्र समारोह में शामिल होकर गंगा मैया के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करें और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का हिस्सा बनें।

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आयोजन विवरण:

  • तारीख: 15 जुलाई 2025
  • समय: सायं 6 बजे
  • स्थान: अहिरौली गंगा घाट, बक्सर, बिहार
  • आयोजक: मां गंगा दल सेवा समिति और विश्वामित्र सेना

आइए, इस पवित्र अवसर पर एकजुट होकर मां गंगा की आराधना करें और सनातन संस्कृति के गौरव को बढ़ाएं।


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