सोमवार को पटना जंक्शन का माहौल उस समय दहशत और अफरा-तफरी से भर गया, जब एक मां की चीख-पुकार ने पूरे स्टेशन को हिलाकर रख दिया। कोटा-पटना एक्सप्रेस से उतरी एक महिला ने बताया कि उसका छह साल का बेटा अचानक गायब हो गया। वह अपने बच्चे को एक अजनबी के भरोसे छोड़कर बाथरूम गई थी, लेकिन जब लौटी तो न बच्चा था और न ही वह शख्स। इस घटना ने यात्रियों और रेलवे पुलिस को सकते में डाल दिया। जीआरपी ने तुरंत कार्रवाई शुरू की, स्टेशन को सील कर दिया और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी।

क्या हुआ था?
घटना 25 अगस्त 2025 की सुबह की है। कोटा-पटना एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर रुकी थी। ट्रेन के जनरल डिब्बे में एक महिला अपने छह साल के बेटे के साथ सफर कर रही थी। तीन महीने पहले एक सड़क हादसे में महिला के पति की मौत हो चुकी थी, जिसके बाद वह अपने मायके जा रही थी। ट्रेन के पटना जंक्शन पर रुकने के बाद उसे बाथरूम जाना पड़ा। उसने अपने बेटे को एक अजनबी शख्स के पास छोड़ दिया, जो सफर के दौरान उससे बातचीत करके भरोसेमंद लग रहा था।
लेकिन जब महिला बाथरूम से लौटी, तो उसका दिल दहल गया। जहां उसका बेटा बैठा था, वह सीट खाली थी। न बच्चा था और न ही वह अजनबी। महिला जोर-जोर से चीखने लगी, “मेरा बच्चा… मेरा बच्चा कोई ले गया!” उसकी चीख सुनकर प्लेटफॉर्म पर मौजूद यात्री दौड़कर उसके पास पहुंचे। कुछ ही देर में भीड़ जमा हो गई, और स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई।
जीआरपी की त्वरित कार्रवाई
यात्रियों ने तुरंत रेलवे पुलिस (जीआरपी) को सूचना दी। जीआरपी की टीम मौके पर पहुंची और महिला की हालत देखकर तत्काल अलर्ट जारी किया। स्टेशन के सभी गेट सील कर दिए गए ताकि कोई संदिग्ध बाहर न निकल सके। पुलिस ने स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालना शुरू किया। साथ ही, कंट्रोल रूम को सूचना देकर आसपास के इलाकों में नाकेबंदी कर दी गई।

पुलिस ने यह भी जांच शुरू की कि कहीं संदिग्ध व्यक्ति बच्चे को लेकर ट्रेन के किसी अन्य डिब्बे में तो नहीं छिपा। जीआरपी और स्थानीय पुलिस की कई टीमें बच्चे की तलाश में जुट गई हैं। पुलिस ने महिला से उस अजनबी शख्स का हुलिया और अन्य जानकारी ली, लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिल सका है।
मां की व्यथा: एक दर्दनाक कहानी
महिला की कहानी सुनकर हर किसी का दिल पसीज गया। तीन महीने पहले अपने पति को खो चुकी यह मां अपने छोटे से बेटे के साथ मायके जा रही थी, ताकि अपने दुख को कम कर सके। लेकिन पटना जंक्शन पर हुए इस हादसे ने उसकी जिंदगी को और दुखों में डुबो दिया। वह बार-बार एक ही बात दोहरा रही थी, “मैंने उसे सिर्फ दो मिनट के लिए छोड़ा था… वो मेरा सब कुछ था।”
महिला ने बताया कि सफर के दौरान वह अजनबी शख्स उससे सामान्य बातचीत कर रहा था। उसने बच्चे के साथ खेलने और उसका ध्यान रखने की बात कही थी, जिसके चलते महिला को उस पर भरोसा हो गया। लेकिन उसकी यह भूल उसके बेटे को उससे हमेशा के लिए छीन सकती है।
अपहरण का खतरा: बढ़ती चिंता
पटना जंक्शन जैसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों पर अपहरण की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। लेकिन इस तरह की घटना ने एक बार फिर रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर रेलवे पुलिस की जवाबदेही पर चर्चा तेज हो गई है।
यात्रियों का कहना है कि स्टेशन पर सुरक्षा के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। कई लोगों ने सुझाव दिया कि बच्चों के लिए अलग से निगरानी व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं न हों।
पुलिस की चुनौतियां और जांच की दिशा
जीआरपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती बच्चे को जल्द से जल्द ढूंढना है। सीसीटीवी फुटेज की जांच में समय लग सकता है, क्योंकि पटना जंक्शन पर रोजाना हजारों यात्री आते-जाते हैं। इसके अलावा, संदिग्ध के हुलिए के आधार पर पुलिस आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान चला रही है।
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पुलिस को शक है कि यह अपहरण सुनियोजित हो सकता है। संदिग्ध ने महिला से बातचीत करके पहले उसका भरोसा जीता और मौके का फायदा उठाकर बच्चे को लेकर फरार हो गया। पुलिस ने अन्य रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर भी अलर्ट जारी किया है, ताकि संदिग्ध शहर से बाहर न निकल सके।
समाज में हलचल: लोगों का गुस्सा और डर
इस घटना ने न केवल पटना, बल्कि पूरे बिहार में हलचल मचा दी है। लोग इस बात से चिंतित हैं कि इतने व्यस्त और कथित तौर पर सुरक्षित स्टेशन पर ऐसी घटना कैसे हो सकती है। कई यात्रियों ने अपनी राय रखते हुए कहा कि रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने और सीसीटीवी की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।
महिला के दुख ने लोगों के दिलों को छू लिया है। कई लोग पुलिस से जल्द से जल्द बच्चे को ढूंढने की मांग कर रहे हैं। यह घटना माता-पिताओं के लिए भी एक सबक है कि अनजान लोगों पर भरोसा करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।

पटना जंक्शन पर छह साल के बच्चे के अपहरण की यह घटना दिल दहलाने वाली है। एक मां का अपने इकलौते बेटे को खोने का दर्द और उसकी चीखें हर किसी को झकझोर रही हैं। जीआरपी और स्थानीय पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि बच्चा जल्द ही अपनी मां की गोद में वापस होगा। लेकिन यह घटना रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है। क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाए जाएंगे? यह समय ही बताएगा। फिलहाल, सभी की नजरें पुलिस की जांच और बच्चे की सुरक्षित वापसी पर टिकी हैं।
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