अहियापुर तिहरे हत्याकांड (Murder Case) ने बक्सर जिले में सनसनी फैला दी। 24 मई 2025 को अहियापुर गांव में हुए नरसंहार में तीन लोगों की मौत और दो के गंभीर रूप से घायल होने के बाद बक्सर पुलिस ने एक अभियुक्त ओम प्रकाश सिंह को गिरफ्तार किया। एक अन्य अभियुक्त को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई है। राजपुर थानाध्यक्ष संतोष कुमार को उनकी कथित लापरवाही और अभियुक्तों से सांठगांठ के आरोप में निलंबित कर दिया गया। पीड़ित परिवारों के सनसनीखेज आरोपों और पुलिस की ताजा कार्रवाई ने न्याय की उम्मीद जगाई है, लेकिन 19 नामजद अभियुक्तों में से बाकी की गिरफ्तारी का इंतजार बना हुआ है।

24 मई 2025 को बक्सर के राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गांव में अवैध बालू खनन के विवाद ने खूनी रूप ले लिया। पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि मनोज यादव और पूर्व उपाध्यक्ष संतोष यादव ने अपने गुर्गों के साथ गोलीबारी की, जिसमें तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। अहियापुर तिहरे हत्याकांड (Murder Case) ने पूरे जिले में दहशत फैला दी। प्राथमिकी में 19 लोगों को नामजद किया गया, जिसमें मृतक वीरेंद्र सिंह के बेटे अजीत कुमार ने हत्या, षड्यंत्र, और आर्म्स एक्ट के तहत शिकायत दर्ज की। यह झड़प लाठी-डंडों से शुरू होकर गोलीबारी में बदल गई।
थानाध्यक्ष पर सांठगांठ के आरोप
पीड़ित परिवारों ने राजपुर थानाध्यक्ष संतोष कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। उनका दावा है कि मुख्य अभियुक्त संतोष यादव और मनोज यादव लंबे समय से अवैध बालू खनन, जमीन कब्जा, और धमकीबाजी में लिप्त थे। इनकी शिकायतें थाने में बार-बार दर्ज की गईं, लेकिन थानाध्यक्ष ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ितों का कहना है कि थानाध्यक्ष की सांठगांठ ने अपराधियों को बेलगाम किया। एक परिजन ने कहा, वही दुसरे ने भी कहा

पुलिस की मिलीभगत के बिना इतनी बड़ी वारदात संभव नहीं थी।
— पीड़ित परिवार का सदस्य

संतोष कुमार का निलंबन
हत्याकांड (Murder Case) के बाद जनता के आक्रोश और पीड़ितों के आरोपों के चलते बक्सर एसपी शुभम आर्य ने थानाध्यक्ष संतोष कुमार की लापरवाही को गंभीरता से लिया। उनकी अनुशंसा पर शाहाबाद रेंज के डीआईजी डॉ. सत्य प्रकाश ने 27 मई 2025 को संतोष कुमार को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई थानाध्यक्ष की कथित सांठगांठ और गिरफ्तारी में उदासीनता के बाद हुई। इस कदम ने पीड़ितों में पुलिस के प्रति भरोसा बढ़ाया।
यह भी पढ़ें
- बक्सर में धूमधाम से नामांकन: मुन्ना तिवारी और विश्वनाथ राम ने ली महागठबंधन की सौगात, विशाल सभा में गूंजा सेवा का संकल्प
- बक्सर का तनिष्क ज्योति चौक चमक उठा: धनतेरस-दिवाली पर ट्रेडिशनल और मॉडर्न ज्वेलरी की नई रेंज, 600 रुपये तक प्रति ग्राम छूट!
- बक्सर का गौरव: आरपीएफ उप निरीक्षक दिनेश चौधरी को मिला भारतीय पुलिस पदक, 36 वर्षों की सेवा का सम्मान
ओम प्रकाश सिंह की गिरफ्तारी और हिरासत
बक्सर पुलिस ने छापेमारी के दौरान अहियापुर निवासी ओम प्रकाश सिंह को गिरफ्तार किया, जो अहियापुर तिहरे हत्याकांड के 19 नामजद अभियुक्तों में से एक है। साथ ही, एक अन्य अभियुक्त को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई है, जिसका नाम अभी उजागर नहीं किया गया। एसपी शुभम आर्य ने बताया कि छापेमारी तेज कर दी गई है, और हथियारों के स्रोत व अन्य अभियुक्तों के ठिकानों का पता लगाया जा रहा है। यह गिरफ्तारी जांच में पहली बड़ी सफलता है, लेकिन बाकी अभियुक्तों की गिरफ्तारी में देरी से जनता में असंतोष बना हुआ है।
अवैध बालू खनन का काला खेल
अहियापुर तिहरे हत्याकांड (Murder Case) ने बिहार में अवैध बालू खनन के काले कारोबार को फिर से उजागर किया। बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट के अनुसार, बालू माफिया का जाल प्रशासनिक संरक्षण के बिना संभव नहीं है। संतोष यादव और मनोज यादव जैसे प्रभावशाली लोग इस कारोबार में लिप्त थे, और थानाध्यक्ष की कथित मिलीभगत ने उन्हें और मजबूत किया। ओम प्रकाश सिंह की गिरफ्तारी इस नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक कदम हो सकती है।
अहियापुर तिहरे हत्याकांड (Murder Case) ने बक्सर में कानून-व्यवस्था की कमियों को बेनकाब कर दिया। थानाध्यक्ष संतोष कुमार का निलंबन और ओम प्रकाश सिंह की गिरफ्तारी ने पीड़ितों में न्याय की उम्मीद जगाई, लेकिन 19 अभियुक्तों में से बाकी की गिरफ्तारी में देरी चिंता का विषय है। विशेष जांच दल की विश्वसनीयता पर सवाल और अवैध बालू खनन का गहरा जाल इस मामले को जटिल बनाते हैं। बक्सर पुलिस को त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई करनी होगी ताकि पीड़ितों को न्याय मिले और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
Discover more from Jansanchar Bharat
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
2 thoughts on “तिहरे मर्डर केस (Murder Case) में सनसनी! थानेदार नप गए, अब किसकी बारी?”
Comments are closed.