बक्सर और पुराना शाहाबाद के साथ-साथ झारखंड की राजनीति में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले संतोष राय को जनता दल (यूनाइटेड) ने बिहार (Bihar) का प्रदेश राजनीतिक सलाहकार नियुक्त किया है। बक्सर के खनिता गांव के निवासी संतोष राय झारखंड के कद्दावर नेता सरयू राय के भतीजे हैं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। इस नियुक्ति ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है, खासकर आगामी विधानसभा चुनाव से पहले।
संतोष राय का राजनीतिक सफर
संतोष राय ने छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) युवा मोर्चा में बिहार प्रदेश के मंत्री सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। इसके अलावा, पंचायती राज में भी उनकी सक्रियता रही है, जहां उनकी पत्नी ने हरपुर जलवासी पंचायत की मुखिया के रूप में नेतृत्व किया। बक्सर और झारखंड की राजनीति में संतोष राय की पहचान एक जमीनी नेता के रूप में है, जो स्थानीय मुद्दों को लेकर हमेशा सक्रिय रहे हैं। उनके चाचा सरयू राय, जो झारखंड में एक प्रमुख नेता हैं, ने भी उनकी राजनीतिक यात्रा को मजबूती दी है।
जदयू की नियुक्ति और नीतीश का भरोसा
संतोष राय की जदयू के प्रदेश राजनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्ति नीतीश कुमार के उन पर भरोसे को दर्शाती है। इस नियुक्ति पर संतोष राय ने कहा,
“पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व, प्रदेश नेतृत्व और हमारे अभिभावक नीतीश कुमार जी के निर्देशों का पालन करते हुए मैं एक मजबूत सिपाही के रूप में कार्य करूंगा।”
उन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार मॉडल की सराहना की, जिसने वैश्विक स्तर पर बिहार को नई पहचान दी। जदयू नेतृत्व ने नीतीश को बिहार के विकास का निर्माता बताया है।

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की रणनीति
संतोष राय ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) भारी बहुमत से सरकार बनाएगा, जबकि महागठबंधन का सफाया हो जाएगा। यह बयान बिहार में एनडीए की मजबूत स्थिति और जदयू-भाजपा गठबंधन की एकजुटता को दर्शाता है। नीतीश कुमार की रणनीतिक चुप्पी ने भाजपा को रक्षात्मक रुख अपनाने पर मजबूर किया है।
संतोष राय के संबंध और प्रभाव
संतोष राय का पारिवारिक और राजनीतिक रसूख उनकी नियुक्ति को और महत्वपूर्ण बनाता है। उनके नीतीश कुमार के साथ पारिवारिक संबंध हैं, साथ ही भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेताओं से भी उनके अच्छे रिश्ते हैं। यह संतुलन उन्हें जदयू और भाजपा के बीच समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम बनाता है। बक्सर और पुराना शाहाबाद में उनकी जमीनी पकड़ और झारखंड में सरयू राय के प्रभाव के कारण संतोष राय क्षेत्रीय राजनीति में एक उभरता चेहरा हैं।
स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया
संतोष राय की नियुक्ति पर बक्सर में उत्साह का माहौल है। भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सौरभ तिवारी, मालिकार्जुन राय, रंजन सिंह, महावीर मधेसिया, सुनील कुशवाहा, विकास राय, आशु राय, लक्ष्मीकांत चतुर्वेदी, धीरज चौबे, प्रशांत त्रिवेदी, राहुल दुबे, अश्विनी तिवारी, गोलु राय, बरमेश्वर निषाद, लाला बाबा, धनजी तिवारी, संजीव तिवारी, और भास्कर सिंह सहित कई नेताओं ने हर्ष व्यक्त किया। स्थानीय नेताओं का मानना है कि संतोष राय की नियुक्ति से बक्सर में जदयू और एनडीए की स्थिति और मजबूत होगी।
संतोष राय की जदयू प्रदेश राजनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्ति बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है। नीतीश कुमार के विश्वासपात्र और बक्सर के जमीनी नेता के रूप में उनकी भूमिका आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए की रणनीति को मजबूती देगी। नीतीश कुमार के बिहार मॉडल और एनडीए के गठबंधन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता बिहार के विकास और राजनीतिक स्थिरता के लिए सकारात्मक संकेत है। संतोष राय का यह नया दायित्व न केवल उनके राजनीतिक कद को बढ़ाएगा, बल्कि बक्सर और झारखंड में उनकी लोकप्रियता को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
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