बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए माई-बहिन मान योजना की चर्चा जोरों पर है। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक सहायता देने का वादा किया गया है। हालांकि, बक्सर जिले में कुछ लोग इस योजना का नाम लेकर महिलाओं से 300 रुपये की वसूली कर रहे हैं, यह दावा करते हुए कि वे सरकार बनने से पहले ही लाभ दिलवाएंगे। इस तरह की धोखाधड़ी की शिकायतों ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है।

माई-बहिन मान योजना क्या है?
माई-बहिन मान योजना बिहार में एक प्रस्तावित योजना है, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की वित्तीय सहायता देने का वादा किया गया है। यह योजना अभी लागू नहीं हुई है और इसके लिए सरकार बनने का इंतजार करना होगा। योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है।
हालांकि, इस योजना का लाभ अभी किसी को नहीं मिल रहा है, क्योंकि यह केवल एक चुनावी वादा है और इसे लागू करने के लिए सरकार का गठन जरूरी है।
बक्सर में 300 रुपये की वसूली का मामला
बक्सर जिले के कई इलाकों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, कुछ लोग माई-बहिन मान योजना के नाम पर महिलाओं से 300 रुपये की वसूली कर रहे हैं। इन लोगों का दावा है कि वे योजना के लिए पंजीकरण करवाएंगे और सरकार बनने से पहले ही लाभ दिलवाएंगे। यह वसूली मुख्य रूप से गरीब और कम पढ़ी-लिखी महिलाओं को निशाना बनाकर की जा रही है, जो योजना की सच्चाई से अनजान हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, कुछ दलाल और ठग इस योजना के नाम पर फॉर्म भरवाने के बहाने पैसे वसूल रहे हैं। कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें पंजीकरण के लिए 300 रुपये देने को कहा गया, और यह आश्वासन दिया गया कि उनका नाम योजना की सूची में शामिल हो जाएगा। लेकिन बाद में न तो कोई पंजीकरण हुआ और न ही कोई लाभ मिला।
धोखाधड़ी की शिकायतें और स्थानीय लोगों का गुस्सा
बक्सर के कई गांवों में इस तरह की धोखाधड़ी की शिकायतें सामने आ रही हैं। प्रभावित महिलाओं का कहना है कि उन्हें योजना के नाम पर ठगा गया है। एक स्थानीय महिला ने बताया, “हमें कहा गया कि 300 रुपये देकर फॉर्म भरवाएं, तो योजना का लाभ जल्दी मिलेगा। लेकिन अब न तो पैसे वापस मिले और न ही कोई जानकारी।”
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इस धोखाधड़ी ने स्थानीय लोगों में प्रशासन और योजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई लोग अब यह मांग कर रहे हैं कि प्रशासन इस तरह की ठगी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
बक्सर जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और लोगों से अपील की है कि वे किसी भी व्यक्ति को योजना के नाम पर पैसे न दें। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि माई-बहिन मान योजना अभी लागू नहीं हुई है, और इसका लाभ केवल सरकार बनने के बाद ही मिलेगा। किसी भी तरह का पंजीकरण शुल्क या फॉर्म भरने की फीस पूरी तरह अवैध है।
जिला प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और इस तरह की धोखाधड़ी की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की है। साथ ही, यह भी कहा गया है कि ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लोगों को कैसे बचना चाहिए?
इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए स्थानीय लोगों को निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:
- आधिकारिक जानकारी की पुष्टि करें: किसी भी योजना के लिए पैसे देने से पहले प्रशासन या आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लें।
- अनजान लोगों पर भरोसा न करें: कोई भी व्यक्ति अगर योजना के नाम पर पैसे मांगता है, तो उसकी विश्वसनीयता की जांच करें।
- पुलिस को सूचित करें: अगर कोई ठगी का प्रयास करता है, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करें।
- जागरूकता फैलाएं: अपने आसपास के लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी के बारे में बताएं ताकि अन्य लोग भी सतर्क रहें।
माई-बहिन मान योजना की सच्चाई
माई-बहिन मान योजना अभी केवल एक प्रस्ताव है, और इसका लाभ तभी मिलेगा जब संबंधित दल की सरकार बनेगी। यह योजना बिहार की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को लक्षित करती है, और इसके लिए पात्रता मानदंड और आवेदन प्रक्रिया सरकार बनने के बाद ही स्पष्ट होगी। वर्तमान में इस योजना के लिए कोई आधिकारिक पंजीकरण प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।
इसलिए, लोगों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी तरह के लालच या झूठे वादों में न आएं।

बक्सर में माई-बहिन मान योजना के नाम पर 300 रुपये की वसूली का मामला एक गंभीर मुद्दा है, जो लोगों की भोली-भाली भावनाओं का दुरुपयोग दर्शाता है। यह धोखाधड़ी न केवल गरीब महिलाओं को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि योजना की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठा रही है। प्रशासन को इस तरह की ठगी पर तुरंत अंकुश लगाना होगा और लोगों को जागरूक करने के लिए कदम उठाने होंगे। साथ ही, लोगों को भी सतर्क रहकर ऐसी धोखाधड़ी से बचना होगा।
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