उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में 21 जुलाई 2025 को हुई एक सनसनीखेज गोलीकांड की घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया था। इस मामले में बाबा बेलखरनाथ धाम के बीजेपी ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह को मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस की जांच में अब एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि यह ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह न केवल गोलीकांड में शामिल था, बल्कि एक बड़े ड्रग्स सिंडिकेट का संचालक भी है। गुरुवार, 22 अगस्त 2025 को कड़ी सुरक्षा के बीच उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 48 घंटे की रिमांड पर भेजा गया।

गोलीकांड की घटना: क्या हुआ था?
21 जुलाई 2025 को प्रतापगढ़ के पट्टी तहसील में रजिस्ट्री ऑफिस के सामने एक सनसनीखेज घटना घटी। दो सगे भाई, अरुण तिवारी और आदित्य तिवारी, अपनी जमीन का बैनामा कराने आए थे। इसी दौरान बीजेपी ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह और उनके साथियों ने कथित तौर पर उन पर हमला कर दिया। ताबड़तोड़ फायरिंग में दोनों भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी और रजिस्ट्री ऑफिस परिसर में भगदड़ मच गई।

पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह ने उनसे रंगदारी मांगी थी। जब उन्होंने रंगदारी देने से इनकार किया, तो उन पर हमला किया गया। इस घटना के बाद ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह फरार हो गया था, जिसके चलते पुलिस ने उस पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया। लंबी तलाश के बाद पुलिस ने उसे लखनऊ के एक होटल से गिरफ्तार किया।
ड्रग्स सिंडिकेट का खुलासा
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह के खिलाफ गहन जांच शुरू की। गुरुवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 48 घंटे की रिमांड पर भेजा गया। रिमांड के दौरान पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी मिली कि वह एक बड़े ड्रग्स सिंडिकेट का हिस्सा है। पुलिस ने उसके घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की, जहां पट्टी रायपुर रोड पर एक मैरिज हॉल के पास जमीन में गड्ढे में छिपाकर रखी गई 34.10 ग्राम मेथामफेटामाइन (MD) ड्रग्स बरामद की गई।

पुलिस के अनुसार, ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह न केवल प्रतापगढ़, बल्कि आसपास के जिलों में भी ड्रग्स की सप्लाई करता था। इस अवैध धंधे से उसने करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति अर्जित की थी, जिसमें लग्जरी कारें और अन्य संपत्तियां शामिल हैं। इसके चलते पुलिस ने उसके खिलाफ नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत एक और मुकदमा दर्ज किया है।
कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेशी
गुरुवार को ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पट्टी कोतवाली से कोर्ट में पेश किया गया। उसे सिर पर हेलमेट और शरीर पर बुलेटप्रूफ जैकेट पहनाई गई थी। इस दौरान दो सीओ, पांच थाना प्रभारी, 12 दरोगा, और 24 सिपाहियों का सुरक्षा घेरा बनाया गया था। पुलिस ने बताया कि यह कड़ी सुरक्षा उसके ड्रग्स सिंडिकेट से जुड़े होने और उसकी जान को खतरे को देखते हुए की गई थी। कोर्ट में मेडिकल जांच के बाद उसे जेल भेज दिया गया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, हरियाणा और महाराष्ट्र पुलिस भी इस मामले में ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह से पूछताछ कर सकती है, क्योंकि वह उनके रडार पर भी था। उसके सहयोगी लवी शंकर मिश्रा, जो ड्रग्स के कारोबार में उसका साथी था, वर्तमान में हरियाणा की जेल में बंद है।
गोलीकांड की जांच और बरामदगी
पुलिस ने गोलीकांड की जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत जुटाए हैं। घटना में इस्तेमाल की गई एक ऑडी कार को लखनऊ से बरामद किया गया। इसके अलावा, ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने ड्रग्स के साथ-साथ अन्य आपराधिक गतिविधियों से जुड़े सबूत भी इकट्ठा किए हैं। पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक छह से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें हत्या का प्रयास, धमकी, और अवैध हथियार रखने जैसे आरोप शामिल हैं।
पीड़ित भाइयों ने पुलिस अधीक्षक से सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी गई। उनका दावा है कि ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह ने पहले भी उन्हें धमकाया था और रंगदारी मांगी थी। इस घटना ने स्थानीय लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया है।
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पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की योजनाएं
प्रतापगढ़ पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। इस मामले में दो इनामी आरोपी, ओम सिंह और अजय सिंह टक्कू, अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश तेज कर दी गई है।
पुलिस ने यह भी संकेत दिया है कि अगर जल्द ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो इनाम की राशि को 50,000 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही, गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है, जो ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह और उसके सहयोगियों की मुश्किलें और बढ़ा सकता है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
इस घटना ने प्रतापगढ़ के स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश पैदा किया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि एक ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह, जो जनता का प्रतिनिधि है, कैसे इस तरह के अपराधों में लिप्त हो सकता है। ड्रग्स सिंडिकेट और गोलीकांड जैसे मामलों ने क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सख्त सजा दी जाए।

प्रतापगढ़ के बाबा बेलखरनाथ धाम के बीजेपी ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह की गिरफ्तारी और ड्रग्स सिंडिकेट का खुलासा एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला है। गोलीकांड की घटना ने पहले ही इलाके में दहशत फैलाई थी, और अब ड्रग्स के अवैध कारोबार का खुलासा होने से यह मामला और गंभीर हो गया है। पुलिस की सख्त कार्रवाई और कोर्ट की रिमांड से उम्मीद है कि इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आएगी। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अपराध और राजनीति का गठजोड़ कितना खतरनाक हो सकता है। स्थानीय लोगों को अब इस मामले में निष्पक्ष जांच और न्याय की उम्मीद है।
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