22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले के खिलाफ देशभर में आक्रोश की लहर देखने को मिल रही है। लोग अपने-अपने तरीके से इस कायराना हरकत का विरोध जता रहे हैं। बिहार के बक्सर जिले में भी कुछ युवकों ने अनोखे तरीके से इस आतंकी हमले का विरोध किया, लेकिन इस दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। समय रहते पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया, जिससे बड़ा बवाल टल गया।
पहलगाम आतंकी हमले का विरोध
पहलगाम आतंकी हमला, जिसमें निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया, ने देशभर में गुस्से की लहर पैदा कर दी। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक, लोग इस हमले के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। बीबीसी हिंदी के अनुसार, इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठनों ने ली है, जिसके बाद सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। बक्सर में भी स्थानीय लोग इस हमले के खिलाफ मुखर हो रहे हैं।
बक्सर में अनोखा विरोध
बक्सर के गजधारगंज मुहल्ले में कुछ युवकों ने पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ अनोखा तरीका अपनाया। उन्होंने सड़कों पर तीन जगहों पर पाकिस्तान के झंडे की पेंटिंग बनाई और उस पर “पाकिस्तान मुर्दाबाद” और “पाकिस्तान भिखमंगा” जैसे नारे लिखे। यह विरोध स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। हालांकि, इस तरह का विरोध गैर-कानूनी और संवेदनशील माना जाता है, जिसके चलते पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
असामाजिक तत्वों की हरकत
युवकों के इस विरोध प्रदर्शन के बीच कुछ असामाजिक तत्वों ने मामले को तूल देने की कोशिश की। उन्होंने “पाकिस्तान भिखमंगा” की जगह “पाकिस्तान जिंदाबाद” लिख दिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस हरकत से साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका बढ़ गई। स्थानीय लोगों ने इस बदलाव को देखकर तुरंत पुलिस को सूचित किया। यह घटना दर्शाती है कि कुछ लोग संवेदनशील मुद्दों का दुरुपयोग कर समाज में अशांति फैलाने की कोशिश कर सकते हैं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
मामले की जानकारी मिलते ही बक्सर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। बक्सर सदर डीएसपी धीरज कुमार के नेतृत्व में पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने पेंटिंग को हटवाया और स्थिति को नियंत्रित किया। डीएसपी धीरज कुमार ने बताया, “स्थानीय युवकों ने पहलगाम आतंकी हमले का विरोध जताने के लिए यह कदम उठाया था, लेकिन उनका तरीका गलत था। हमने उन्हें समझा दिया है कि भविष्य में ऐसा नहीं करना चाहिए, वरना उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है।” पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े बवाल को टाल दिया।
स्थानीय नेताओं और युवकों की प्रतिक्रिया
विरोध प्रदर्शन में शामिल एक स्थानीय युवक ने सफाई देते हुए कहा, “हमने पाकिस्तान जिंदाबाद नहीं लिखा था। हमने ‘पाकिस्तान भिखमंगा’ लिखा था, लेकिन कुछ लोगों ने इसे मिटाकर जिंदाबाद लिख दिया। हमारा मकसद केवल आतंकी हमले का विरोध करना था।” वहीं, मौके पर पहुंचे जदयू के एक स्थानीय नेता ने इस घटना को असामाजिक तत्वों की करतूत करार दिया। उन्होंने कहा, “यह साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिश थी, जिसे पुलिस ने समय रहते नाकाम कर दिया।” स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया ने भी इस मामले को शांत करने में मदद की।
पहलगाम आतंकी हमले ने देशभर में गुस्से और दुख की लहर पैदा की है। बक्सर में युवकों द्वारा किया गया विरोध, भले ही गलत तरीके से था, उनके आक्रोश को दर्शाता है। लेकिन इस घटना ने यह भी साबित किया कि असामाजिक तत्व संवेदनशील मुद्दों का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और स्थानीय नेताओं की समझदारी ने स्थिति को बिगड़ने से बचा लिया। हमें यह समझना होगा कि विरोध का सही तरीका अपनाकर ही हम एकजुटता और शांति बनाए रख सकते हैं।
Discover more from Jansanchar Bharat
Subscribe to get the latest posts sent to your email.