बक्सर: महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन/सेना द्वारा बक्सर (BUXAR) जिले में संचालित पांच निशुल्क शिक्षा केंद्रों पर मंगलवार से वार्षिक जांच परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। यह पहल समाज के वंचित और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के सैकड़ों बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सनातनी मूल्यों से जोड़ने के लिए की गई है। महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन का लक्ष्य शिक्षा को समाज के अंतिम पंक्ति तक पहुंचाना और बच्चों में सांस्कृतिक संस्कारों का विकास करना है।
जांच परीक्षाओं की शुरुआत
महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन/सेना ने 27 मई 2025 से बक्सर के पांच निशुल्क शिक्षा केंद्रों पर वार्षिक जांच परीक्षाओं का आयोजन शुरू किया है। ये केंद्र सेवा बस्ती और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। ये परीक्षाएं विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर का आकलन करने और उनकी प्रगति को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित की जा रही हैं।

फाउंडेशन का मिशन
महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन/सेना का प्राथमिक उद्देश्य समाज के हर वर्ग तक निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना है। फाउंडेशन विशेष रूप से उन बच्चों पर ध्यान केंद्रित करता है जो आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इसके अलावा, फाउंडेशन सनातनी मूल्यों और संस्कारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि विद्यार्थी न केवल शैक्षिक रूप से सक्षम बनें, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक रूप से भी मजबूत हों।
राजकुमार चौबे का बयान
शिक्षा के साथ-साथ सनातनी संस्कार भी उतने ही जरूरी हैं। आज हम केवल किताबों का ज्ञान ही नहीं दे रहे, बल्कि बच्चों को उनके सांस्कृतिक मूल्यों से भी जोड़ रहे हैं। यही हमारे राष्ट्र की असली ताकत है। समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक शिक्षा पहुँचाना ही महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन/सेना का उद्देश्य है और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।
— श्री राजकुमार चौबे, राष्ट्रीय संयोजक, महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन/सेना

राजकुमार चौबे ने इन शब्दों के साथ फाउंडेशन के मिशन को रेखांकित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा केवल रोजगार का साधन नहीं, बल्कि समाज को सशक्त बनाने और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का माध्यम है।
शिक्षा केंद्रों की भूमिका
बक्सर में फाउंडेशन द्वारा संचालित पांच निशुल्क शिक्षा केंद्र ग्रामीण और सेवा बस्ती के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। इन केंद्रों पर सैकड़ों विद्यार्थी नियमित रूप से पढ़ाई कर रहे हैं। केंद्रों में न केवल स्कूली पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है, बल्कि नैतिक शिक्षा, योग, और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों का सर्वांगीण विकास किया जाता है। ये केंद्र विशेष रूप से उन परिवारों के लिए महत्वपूर्ण हैं जो निजी स्कूलों की फीस वहन नहीं कर सकते।
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सनातनी मूल्यों का महत्व
महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन/सेना का मानना है कि शिक्षा के साथ-साथ सनातनी मूल्य और संस्कार बच्चों को एक जिम्मेदार और नैतिक नागरिक बनाते हैं। इन केंद्रों पर बच्चों को भारतीय संस्कृति, परंपराओं, और नैतिकता से जोड़ा जाता है। श्री राजकुमार चौबे ने कहा कि सनातनी मूल्य न केवल व्यक्तिगत विकास में सहायक हैं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे को भी बढ़ावा देते हैं।
महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन द्वारा बक्सर में शुरू की गई जांच परीक्षाएं निशुल्क शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यह पहल समाज के वंचित वर्गों तक शिक्षा पहुंचाने और सनातनी मूल्यों को बढ़ावा देने की दिशा में फाउंडेशन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। राजकुमार चौबे के नेतृत्व में फाउंडेशन का यह प्रयास न केवल बक्सर, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है। शिक्षा और संस्कारों के इस संगम से समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े बच्चों को नई दिशा मिल रही है, जो राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
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