NH 319A चौसा बक्सर बाईपास के निर्माण कार्य की प्रगति को लेकर 14 मई 2025 को बिहार के मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में बक्सर के जिला पदाधिकारी श्री अंशुल अग्रवाल ने हिस्सा लिया। मुख्य सचिव ने निर्माण कार्य को यथाशीघ्र शुरू करने का स्पष्ट निर्देश दिया, ताकि यह परियोजना समयबद्ध तरीके से पूरी हो सके।
NH 319A चौसा बक्सर बाईपास: परियोजना अवलोकन
NH 319A चौसा बक्सर बाईपास एक महत्वाकांक्षी ग्रीनफील्ड परियोजना है, जिसके तहत बक्सर और चौसा के बीच 20.92 किलोमीटर लंबा फोरलेन बाईपास बनाया जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1,060.16 करोड़ रुपये है, और यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बक्सर-वाराणसी ग्रीनफील्ड मार्ग को जोड़ेगी। यह सड़क बिहार के बक्सर जिले में व्यापारिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी।

समीक्षा बैठक का विवरण
14 मई 2025 को आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने परियोजना की प्रगति का जायजा लिया। बैठक में बक्सर के जिला पदाधिकारी श्री अंशुल अग्रवाल ने भू-अर्जन और अन्य प्रशासनिक तैयारियों की स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी बाधाओं को तुरंत दूर कर निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू किया जाए। उन्होंने जोर दिया कि यह परियोजना बिहार के सड़क नेटवर्क को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
निर्माण कार्य में चुनौतियां
NH 319A चौसा बक्सर बाईपास के निर्माण में भू-अर्जन सबसे बड़ी चुनौती रही है। चौसा नगर पंचायत के क्षेत्रों जैसे न्यायीपुर, कनक नारायणपुर, और अखौरीपुर गोला में जमीन अधिग्रहण को लेकर मुआवजे की दरों पर कुछ विवाद सामने आए हैं। भूस्वामियों ने मुआवजा राशि को ग्रामीण दरों (2014-2015 के MVR) के आधार पर निर्धारित करने की मांग की है, क्योंकि शहरी दरों में उन्हें नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, मानचित्र में त्रुटियों के निराकरण के लिए 16 जनवरी 2025 को संयुक्त जांच निर्धारित की गई थी। मुख्य सचिव ने इन मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का निर्देश दिया।
परियोजना का महत्व
NH 319A चौसा बक्सर बाईपास बिहार के सड़क नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह परियोजना न केवल बक्सर और चौसा के बीच यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के माध्यम से उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से कनेक्टिविटी को भी बढ़ाएगी। इस सड़क के बनने से:
यातायात जाम की समस्या से राहत मिलेगी।
वाणिज्यिक और व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलेगी।
बक्सर-वाराणसी मार्ग पर यात्रा समय में कमी आएगी।
यह परियोजना बिहार सरकार की सड़क विकास योजनाओं, जैसे कि 2025-26 के लिए स्वीकृत 33,464 करोड़ रुपये की 52 सड़क और पुल परियोजनाओं, का हिस्सा है।
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आगे की योजना
मुख्य सचिव के निर्देश के अनुसार, निर्माण कार्य शुरू करने के लिए भू-अर्जन प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। टेंडर प्रक्रिया और निर्माण एजेंसी के चयन को अंतिम रूप देने के लिए पथ निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के बीच समन्वय स्थापित किया जा रहा है। परियोजना को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, हालांकि भू-अर्जन और तकनीकी बाधाओं के कारण कुछ विलंब की आशंका है।
इसके अतिरिक्त, बक्सर जिला प्रशासन को मुआवजा वितरण और स्थानीय समुदाय के साथ संवाद बढ़ाने के लिए शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि परियोजना में किसी भी तरह का सामाजिक या प्रशासनिक व्यवधान न हो।
NH 319A चौसा बक्सर बाईपास परियोजना बिहार के सड़क नेटवर्क और आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा की समीक्षा और उनके निर्देशों से यह स्पष्ट है कि बिहार सरकार इस परियोजना को प्राथमिकता दे रही है। बक्सर के जिला पदाधिकारी श्री अंशुल अग्रवाल के नेतृत्व में स्थानीय प्रशासन भी इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है। यह परियोजना न केवल बक्सर और चौसा के लिए, बल्कि पूरे पूर्वी बिहार और पड़ोसी राज्यों के लिए एक नया विकास द्वार खोलेगी।
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