बक्सर में राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 का उत्साह चरम पर रहा, जब खेल विभाग और जिला प्रशासन ने कला भवन में तीन दिवसीय खेल महोत्सव का शानदार शुभारंभ किया। यह आयोजन महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य खेल भावना को बढ़ावा देना और समाज को एकजुट करना है। इस वर्ष की थीम “एक घंटा खेल के मैदान में” ने लोगों को स्वास्थ्य और एकता के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया।

खेल महोत्सव का शुभारंभ
राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर बक्सर के कला भवन में शुक्रवार को तीन दिवसीय खेल महोत्सव की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। इस मौके पर जूडो खिलाड़ियों ने शानदार पिरामिड बनाकर राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया। उद्घाटन समारोह में स्थानीय लोगों और खिलाड़ियों की भारी भीड़ देखी गई, जो इस आयोजन के प्रति उत्साह को दर्शाता है।
इसके बाद, जिला प्रशासन ने पहलवानों से परिचय प्राप्त किया और कुश्ती मुकाबलों की शुरुआत की। यह आयोजन न केवल खेल को बढ़ावा देने के लिए था, बल्कि समाज में एकता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का भी एक प्रयास था।
कुश्ती मुकाबले: विजेताओं का सम्मान
खेल महोत्सव का मुख्य आकर्षण कुश्ती प्रतियोगिता रही, जिसे तीन वजन वर्गों में आयोजित किया गया। इन मुकाबलों में खिलाड़ियों ने अपनी ताकत और कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। नतीजे इस प्रकार रहे:

- 50-60 किलोग्राम वर्ग: इस वर्ग में कुश जी ने स्वर्ण पदक हासिल किया, जबकि रूद्र दुबे को रजत पदक से सम्मानित किया गया।
- 60-70 किलोग्राम वर्ग: चंद्रशेखर यादव ने स्वर्ण पदक जीता, और धीरज कुमार ने रजत पदक प्राप्त किया।
- 70-80 किलोग्राम वर्ग: दीपक कुमार ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया, जबकि वीर बहादुर को रजत पदक मिला।
विजेताओं को 2000 रुपये और उपविजेताओं को 1000 रुपये की नगद राशि के साथ पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह में खिलाड़ियों का उत्साह और दर्शकों की तालियां माहौल को और जीवंत बना रही थीं।
थीम: “एक घंटा खेल के मैदान में”
इस वर्ष राष्ट्रीय खेल दिवस की थीम “एक घंटा खेल के मैदान में” रखी गई थी, जो समाज को एकजुट करने और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने का संदेश देती है। इस थीम के तहत लोगों को रोजाना कम से कम एक घंटा खेल या शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया गया। बक्सर में आयोजित इस खेल महोत्सव ने इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

खेल विभाग और जिला प्रशासन ने इस अवसर पर लोगों से अपील की कि वे खेल को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर करता है, बल्कि सामाजिक एकता और अनुशासन को भी बढ़ावा देता है।
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मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि
राष्ट्रीय खेल दिवस हर साल 29 अगस्त को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर मनाया जाता है। बक्सर में इस मौके पर मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि दी गई। उनके योगदान को याद करते हुए खिलाड़ियों और दर्शकों ने उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। मेजर ध्यानचंद ने भारत को हॉकी में तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक (1928, 1932, और 1936) दिलाए, जिसने देश को विश्व स्तर पर गौरव प्रदान किया।
इस आयोजन में मेजर ध्यानचंद की खेल भावना और समर्पण को युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया गया। उनके जीवन से प्रेरित होकर बक्सर के युवा खिलाड़ी खेल के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित हुए।
खेल महोत्सव का महत्व
बक्सर में आयोजित यह तीन दिवसीय खेल महोत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन का हिस्सा है। यह आयोजन निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण है:
- स्वास्थ्य जागरूकता: लोगों को शारीरिक गतिविधियों और खेलों के महत्व के बारे में जागरूक करना।
- युवाओं को प्रेरणा: स्थानीय खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान करना।
- सामाजिक एकता: समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाकर एकता को बढ़ावा देना।
- सांस्कृतिक मूल्य: बक्सर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को खेल के माध्यम से और मजबूत करना।
भविष्य की योजनाएं
जिला प्रशासन और खेल विभाग ने इस महोत्सव को हर साल और बड़े स्तर पर आयोजित करने की योजना बनाई है। अगले दो दिनों में इस महोत्सव में अन्य खेलों, जैसे जूडो, हॉकी, और एथलेटिक्स, की प्रतियोगिताएं भी होंगी। इसके अलावा, स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस आयोजन का लक्ष्य बक्सर के युवाओं में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि भविष्य में खेल सुविधाओं, जैसे स्टेडियम और प्रशिक्षण केंद्रों, को और बेहतर किया जाएगा।

बक्सर में राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय खेल महोत्सव ने खेल भावना, एकता, और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया। कुश्ती मुकाबलों में खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया, और मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। थीम “एक घंटा खेल के मैदान में” ने लोगों को स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। यह आयोजन बक्सर के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ, जो न केवल खेल को बढ़ावा देगा, बल्कि समाज को एकजुट करने में भी मदद करेगा।
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