बिहार के बक्सर जिले के चौसा प्रखंड में खरगपुरा गांव गुरुवार, 24 जुलाई 2025 की शाम गम में डूब गया। सऊदी अरब में सड़क हादसे में मारे गए बेटे का शव जैसे ही गांव पहुंचा, उसका चेहरा देखते ही मां ने भी दम तोड़ दिया। एक ही दिन में मां-बेटे की मौत ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। यह हृदयविदारक घटना हर किसी की आंखें नम कर गई। आइए, इस दुखद घटना की पूरी जानकारी सरल हिंदी में जानते हैं।

हादसे की शुरुआत: सऊदी अरब में बेटे की मौत
खरगपुरा गांव के एक परिवार के दो जुड़वां बेटे तीन महीने पहले बेहतर भविष्य की तलाश में सऊदी अरब गए थे। इनमें से एक बेटा एक निजी कंपनी में काम करता था और पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। करीब 20 दिन पहले सऊदी अरब में एक भीषण सड़क हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी।
जब बेटे की मौत की खबर गांव पहुंची, तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मां को यह सदमा बर्दाश्त नहीं हुआ। वह गम में डूबती चली गईं और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए वाराणसी के अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन मां की सिर्फ एक ही इच्छा थी—अपने बेटे का चेहरा एक बार देख लेना।
मां-बेटे का आखिरी मिलन
गुरुवार की शाम को बेटे का पार्थिव शरीर सऊदी अरब से खरगपुरा गांव पहुंचा। उसी समय मां को भी अस्पताल से घर लाया गया। जैसे ही मां ने अपने बेटे का चेहरा देखा, उनका दिल टूट गया। वह बेसुध होकर गिर पड़ीं और कुछ ही पलों में इस दुनिया को अलविदा कह गईं। यह मंजर देखकर वहां मौजूद हर शख्स की आंखें भर आईं।
गांव वालों ने बताया कि बेटा अपनी मां से बहुत प्यार करता था। वह सऊदी अरब से अक्सर फोन करके उनका हालचाल लेता था। मां भी अपने बेटे से बेहद जुड़ी थीं और उसकी हर छोटी-बड़ी बात को ध्यान रखती थीं। इस दुखद घटना ने मां-बेटे के गहरे रिश्ते को और भी उजागर कर दिया।
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गांव में दो जनाजे: मातम का माहौल
मां-बेटे की मौत के बाद खरगपुरा गांव में मातम छा गया। गुरुवार रात को दोनों को एक साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया। गांव के कब्रिस्तान में दो जनाजे एक साथ उठे, जिसे देखकर हर किसी का दिल पसीज गया। पूरे गांव में सन्नाटा पसरा रहा और लोग इस दुख को बयान करने के लिए शब्दी नहीं ढूंढ पा रहे थे।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह परिवार मेहनती और मिलनसार था। बेटे की मेहनत से परिवार का भविष्य संवर रहा था, लेकिन इस हादसे ने सब कुछ छीन लिया। गांव के बुजुर्गों ने कहा कि ऐसी त्रासदी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी।

परिवार का दुख और गांव का सहारा
इस हादसे ने परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया। बेटे की मौत के बाद मां का जाना परिवार के लिए दोहरा झटका था। परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव वालों ने इस मुश्किल घड़ी में परिवार का साथ दिया। लोग उनके घर पहुंचकर सांत्वना दे रहे हैं और हर संभव मदद का भरोसा दिला रहे हैं।
सड़क हादसों का बढ़ता खतरा
यह घटना सड़क हादसों की गंभीरता को भी उजागर करती है। सऊदी अरब जैसे देशों में भारतीय प्रवासी मजदूरों की संख्या बहुत अधिक है। सड़क हादसे वहां काम करने वाले कई लोगों की जान ले रहे हैं। भारत सरकार और सऊदी प्रशासन को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। इसके अलावा, प्रवासी मजदूरों के परिवारों को ऐसी त्रासदियों में सहायता प्रदान करने की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
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खरगपुरा गांव की यह दुखद घटना हर किसी के दिल को झकझोर गई। एक बेटे की सड़क हादसे में मौत और फिर मां का अपने बेटे का चेहरा देखते ही दुनिया छोड़ देना—यह दर्द शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। यह घटना हमें अपनों के साथ समय बिताने और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने की सीख देती है। खरगपुरा गांव के इस परिवार के लिए हम सबकी संवेदनाएं हैं।
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