Banner Ads

तिआनजिन में भारत की कूटनीतिक जीत: SCO ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की

SCO Tianjin
Advertisements
Join Now
Subscribe

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के तिआनजिन, चीन में आयोजित शिखर सम्मेलन में भारत ने एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की सभी सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से कड़ी निंदा की है। यह वही SCO है, जहाँ दो महीने पहले किंगदाओ में आयोजित रक्षा मंत्रियों की बैठक में पहलगाम हमले का जिक्र करने से इनकार कर दिया गया था, जिसके कारण भारत के रक्षा मंत्री ने संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। तिआनजिन में मिली इस सफलता ने न केवल भारत की विदेश नीति की ताकत को दिखाया, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत रुख को भी वैश्विक मंच पर रेखांकित किया।

Advertisements

तिआनजिन शिखर सम्मेलन: भारत की कूटनीतिक जीत

तिआनजिन में आयोजित SCO शिखर सम्मेलन में सभी सदस्य देशों, जिसमें चीन, रूस, और अन्य शामिल हैं, ने एक साझा घोषणापत्र में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। इस घोषणापत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया, “सदस्य देशों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की।” साथ ही, इसमें हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई और इस बात पर जोर दिया गया कि इस तरह के हमलों के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।

Join Now
Advertisements

यह भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि दो महीने पहले किंगदाओ में आयोजित SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में पहलगाम हमले का जिक्र शामिल नहीं किया गया था। उस समय भारत ने इस चूक को गंभीरता से लिया और संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। तिआनजिन में मिली यह उपलब्धि भारत की उस दृढ़ता का परिणाम है, जो आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाती है।

Advertisements

भारत की विदेश नीति की ताकत

तिआनजिन में पहलगाम हमले की निंदा को शामिल करना भारत की विदेश नीति की एक बड़ी जीत है। यह उन आलोचकों के लिए करारा जवाब है, जो भारत की कूटनीति को कमजोर बताते हैं। भारत ने न केवल एक वैश्विक मंच पर अपनी बात रखी, बल्कि सभी सदस्य देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने के लिए प्रेरित भी किया।

Advertisements

यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि SCO में उन देशों की मौजूदगी है, जो पहले इस मुद्दे पर एकमत होने में हिचकिचाते थे। तिआनजिन में सभी देशों की सर्वसम्मति से यह साबित होता है कि भारत का आतंकवाद के खिलाफ रुख अब वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य हो रहा है।

Follow Us
Advertisements

पहलगाम हमला: क्या हुआ था?

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई थी, और यह भारत की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती थी। भारत ने इस हमले को आतंकवाद का खुला चैलेंज माना और इसे वैश्विक मंचों पर उठाने का फैसला किया। किंगदाओ में इस हमले का जिक्र न होने से भारत ने कड़ा रुख अपनाया था, और तिआनजिन में इसकी निंदा भारत की उस दृढ़ता का परिणाम है।

Advertisements

SCO और भारत की भूमिका

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, और मध्य एशियाई देश शामिल हैं। यह संगठन क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर केंद्रित है। भारत ने हमेशा से SCO में आतंकवाद के खिलाफ मजबूत रुख अपनाया है और इसे वैश्विक मंच पर उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

Advertisements
Banner Ads

तिआनजिन शिखर सम्मेलन में भारत ने न केवल पहलगाम हमले की निंदा करवाने में सफलता हासिल की, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि आतंकवाद के खिलाफ कोई दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। भारत ने यह स्पष्ट किया कि आतंकवाद मानवता के लिए खतरा है और इसके खिलाफ सभी देशों को एकजुट होकर लड़ना होगा।

Advertisements

वैश्विक मंच पर भारत का बढ़ता कद

तिआनजिन में भारत की इस कूटनीतिक जीत ने एक बार फिर साबित किया है कि नया भारत अपनी बात को मजबूती से रखने में सक्षम है। यह उपलब्धि उस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, जब वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को लेकर कई तरह की चर्चाएँ हो रही हैं। भारत ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की, बल्कि यह भी दिखाया कि वह वैश्विक मंचों पर अपनी शर्तों पर काम करने में सक्षम है।

इस सम्मेलन में भारत ने यह भी सुनिश्चित किया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी देशों की जवाबदेही तय हो। यह भारत की उस नीति को दर्शाता है, जो न केवल अपने हितों की रक्षा करती है, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा को भी बढ़ावा देती है।

Web Hosting by Hostinger

तिआनजिन में SCO शिखर सम्मेलन में भारत की कूटनीतिक जीत ने एक बार फिर साबित किया है कि नया भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में अडिग है। पहलगाम हमले की कड़ी निंदा और सभी सदस्य देशों की सर्वसम्मति भारत की विदेश नीति की ताकत को दर्शाती है। यह उन लोगों के लिए करारा जवाब है, जो भारत की कूटनीति पर सवाल उठाते हैं। बक्सर जैसे छोटे शहरों से लेकर वैश्विक मंच तक, भारत अपनी आवाज़ को बुलंद कर रहा है और यह दिखा रहा है कि वह असंभव को संभव बनाने में सक्षम है। यह जीत न केवल भारत की कूटनीतिक ताकत का प्रतीक है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता अब समय की मांग है।


Discover more from Jansanchar Bharat

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

You cannot copy content of this page

Discover more from Jansanchar Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading