15 अगस्त 2025 को 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के युवाओं को एक बड़ी सौगात दी है। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे लाखों छात्र-छात्राओं के लिए परीक्षा शुल्क में भारी कटौती की घोषणा की गई है। अब बिहार में सभी राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रारंभिक (PT) परीक्षा के लिए मात्र 100 रुपये शुल्क देना होगा, जबकि मुख्य (Mains) परीक्षा पूरी तरह निःशुल्क होगी। इस फैसले से बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC), बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC), बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC), बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (BPSSC), और केंद्रीय सिपाही चयन परिषद (CSBC) जैसी सभी भर्ती एजेंसियों की परीक्षाएं शामिल होंगी। यह लेख इस घोषणा की पूरी जानकारी सरल हिंदी में देता है, ताकि पाठकों को इस महत्वपूर्ण कदम की स्पष्ट समझ हो।
मुख्यमंत्री की घोषणा का विवरण
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में ध्वजारोहण के बाद इस महत्वपूर्ण घोषणा को साझा किया। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का लक्ष्य युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करना है। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, सभी राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं के शुल्क में एकरूपता लाई गई है। अब प्रत्येक अभ्यर्थी को प्रारंभिक परीक्षा के लिए केवल 100 रुपये का शुल्क देना होगा। इसके अलावा, जो अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा पास करके मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे, उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा।
यह निर्णय बिहार के सभी भर्ती आयोगों पर लागू होगा, जिनमें शामिल हैं:
- बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC)
- बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC)
- बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC)
- बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (BPSSC)
- केंद्रीय सिपाही चयन परिषद (CSBC)
इससे पहले, अलग-अलग आयोगों की परीक्षाओं के लिए अलग-अलग शुल्क देना पड़ता था, जो कई बार अभ्यर्थियों के लिए आर्थिक बोझ बन जाता था। खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्रों को कई परीक्षाओं में हिस्सा लेने में दिक्कत होती थी। अब इस नई नीति से सभी वर्गों के अभ्यर्थियों को समान अवसर मिलेगा।
इस फैसले का महत्व
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घोषणा को युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार शुरू से ही युवाओं को रोजगार और नौकरी के अवसर प्रदान करने को अपनी प्राथमिकता मानती है। इस कदम से न केवल आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि युवा अधिक आत्मविश्वास के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।
इस फैसले से विशेष रूप से उन अभ्यर्थियों को लाभ होगा, जो आर्थिक तंगी के कारण बार-बार परीक्षा शुल्क देने में असमर्थ थे। अब केवल 100 रुपये की मामूली राशि देकर वे प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हो सकेंगे, और मुख्य परीक्षा के लिए कोई अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा। यह नीति लाखों युवाओं को प्रोत्साहित करेगी और बिहार में सरकारी नौकरी की दिशा में उनकी राह आसान बनाएगी।
युवाओं और अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया
इस घोषणा के बाद बिहार के युवाओं में उत्साह का माहौल है। कई छात्र-छात्राओं ने इस फैसले को स्वागत योग्य बताया। एक बीपीएससी अभ्यर्थी ने कहा, “पहले हर परीक्षा के लिए 500-600 रुपये शुल्क देना पड़ता था, जो कई बार हमारे लिए मुश्किल होता था। अब केवल 100 रुपये में प्रारंभिक परीक्षा और मुफ्त मुख्य परीक्षा का मौका मिलना बहुत बड़ी राहत है।”
ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों ने भी इस निर्णय की सराहना की। एक छात्रा ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण वह कई बार परीक्षाओं में आवेदन नहीं कर पाती थी, लेकिन अब वह बिना किसी चिंता के अपनी तैयारी पर ध्यान दे सकती है। यह कदम न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए राहत है, बल्कि यह बिहार के प्रतियोगी माहौल को और समावेशी बनाएगा।
बिहार सरकार की प्राथमिकताएं
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी दोहराया कि बिहार सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसके लिए सरकार ने पहले भी कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे शिक्षक भर्ती में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देना और विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए प्रयास करना। इस नई शुल्क नीति को उसी दिशा में एक और कदम माना जा रहा है।
इसके अलावा, यह घोषणा बिहार के विधानसभा चुनाव से पहले की गई है, जिसे कई लोग युवाओं को प्रोत्साहित करने और सरकार की सकारात्मक छवि बनाने की रणनीति के रूप में भी देख रहे हैं। हालांकि, इसका सबसे बड़ा प्रभाव यह होगा कि अधिक से अधिक युवा बिना आर्थिक बाधा के प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा ले सकेंगे।
अन्य राज्यों की तुलना में बिहार की स्थिति
बिहार में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं की संख्या बहुत अधिक है। लेकिन पहले की ऊंची परीक्षा शुल्क नीति के कारण कई योग्य अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित रह जाते थे। अब इस नई नीति के साथ बिहार अन्य राज्यों की तुलना में एक कदम आगे निकल गया है। कई राज्यों में अभी भी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाओं के लिए अलग-अलग और ऊंची फीस ली जाती है। बिहार का यह कदम अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है।
स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं को एक ऐसी सौगात दी है, जो उनकी आर्थिक चिंताओं को कम करेगी और सरकारी नौकरी के सपने को साकार करने में मदद करेगी। केवल 100 रुपये की प्रारंभिक परीक्षा शुल्क और मुफ्त मुख्य परीक्षा की नीति से लाखों अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी। यह फैसला न केवल बिहार के युवाओं को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता और समावेशिता को भी बढ़ाएगा। बिहार सरकार की यह पहल युवाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण है, जो उन्हें अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए और प्रेरित करेगी।
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