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गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर के बीच बक्सर जिला प्रशासन की सतर्कता: आपदा प्रबंधन की पूरी तैयारी

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20 जुलाई 2025 को बक्सर जिले में गंगा नदी का जल स्तर 59.79 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर से ऊपर और खतरे के स्तर से नीचे है।

इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन के तहत व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। बक्सर जिले के पांच अंचल—बक्सर, चौसा, चक्की, सिमरी, ब्रह्मपुर और आंशिक रूप से इटाढ़ी—बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं।

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गंगा के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए प्रशासन ने विभागीय मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के दिशा-निर्देशों के तहत सभी आवश्यक कदम उठाए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

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इस लेख में हम बक्सर जिला प्रशासन की तैयारियों, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किए गए उपायों और आपातकालीन सहायता के लिए उपलब्ध संसाधनों की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।

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बक्सर में बाढ़ की स्थिति

गंगा नदी का जल स्तर 59.79 मीटर तक पहुंचने के साथ ही बक्सर जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। हालांकि यह स्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन चेतावनी स्तर को पार करने के कारण प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है।

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बक्सर, चौसा, चक्की, सिमरी, ब्रह्मपुर और इटाढ़ी के कुछ हिस्सों में बाढ़ का प्रभाव देखा जा रहा है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा और सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है।

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आपदा प्रबंधन के तहत प्रशासन की तैयारियां

जिला प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक और सुनियोजित कदम उठाए हैं। सभी संबंधित जिला स्तरीय पदाधिकारियों और अंचल अधिकारियों को सतत निगरानी और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने निम्नलिखित प्रमुख उपाय किए हैं:

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1. तटबंधों की सुरक्षा

कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, बक्सर को बक्सर-कोईलवर तटबंध की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। तटबंधों की मजबूती और निगरानी के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:

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  • ईसी बैग का भंडारण: तटबंधों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त मात्रा में ईसी बैग (रेत से भरे बोरे) का भंडारण किया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
  • 24×7 निगरानी: तटबंधों की निरंतर निगरानी के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं, जो दिन-रात कार्यरत रहेंगी।
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2. नावों की व्यवस्था

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन और बचाव कार्यों के लिए 96 नावों (छोटी, मझोली और बड़ी) का इकरारनामा अंचल अधिकारियों द्वारा किया गया है। ये नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने और राहत सामग्री वितरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

3. शिविर स्थलों की स्थापना

बक्सर जिले के बाढ़ प्रवण अंचलों में कुल 52 शिविर स्थलों को चिन्हित किया गया है। ये शिविर प्रभावित लोगों को अस्थायी आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेंगे। इन शिविरों का प्रबंधन अंचल अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है, ताकि प्रभावित लोगों को समय पर सहायता मिल सके।

4. स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था

सिविल सर्जन, बक्सर को सभी बाढ़ प्रवण अंचलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर जीवन रक्षक दवाओं का भंडारण करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही, इन केंद्रों पर निरंतर पर्यवेक्षण और अनुश्रवण सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। यह कदम बाढ़ के दौरान स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों से निपटने के लिए उठाया गया है।

5. पशुधन की सुरक्षा

जिला पशुपालन पदाधिकारी, बक्सर को पशुओं के लिए चारा और दवाओं का भंडारण करने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है।

6. राहत और बचाव दलों की तैनाती

बाढ़ प्रवण अंचलों में अंचल अधिकारियों द्वारा बचाव और राहत दलों की प्रतिनियुक्ति की गई है। ये दल किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।

7. अनुश्रवण और पर्यवेक्षण

अनुमंडल पदाधिकारी, बक्सर और डुमरांव को अपने-अपने अनुमंडल क्षेत्रों में बाढ़ प्रवण अंचलों का नियमित पर्यवेक्षण और अनुश्रवण करने का निर्देश दिया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी तैयारियां सुचारू रूप से लागू हो रही हैं और किसी भी कमी को तुरंत दूर किया जा सके।

आपातकालीन सहायता के लिए हेल्पलाइन

बक्सर जिला प्रशासन ने किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित सहायता के लिए आपदा प्रबंधन, आपातकालीन संचालन केंद्र की हेल्पलाइन शुरू की है। प्रभावित लोग या कोई भी व्यक्ति इस नंबर 06183-223333 पर संपर्क कर सकता है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी आपात स्थिति में इस हेल्पलाइन का उपयोग करें।

प्रशासन की प्रतिबद्धता

बक्सर जिला प्रशासन बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह समर्पित है। सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को एकजुट होकर कार्य करने के लिए कहा गया है, ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी संसाधन और मानव बल समय पर उपलब्ध रहें।

बाढ़ से बचाव के लिए सुझाव

जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बाढ़ की स्थिति में सतर्क रहें और निम्नलिखित सावधानियां बरतें:

  • गंगा नदी के किनारे अनावश्यक रूप से न जाएं।
  • प्रशासन द्वारा जारी चेतावनियों और दिशा-निर्देशों का पालन करें।
  • आपातकालीन स्थिति में नजदीकी शिविर स्थल या हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
  • अपने पशुओं और महत्वपूर्ण सामान को सुरक्षित स्थानों पर रखें।
वीडियो देखें

बक्सर जिला प्रशासन ने गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर के मद्देनजर सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं। तटबंधों की सुरक्षा, नावों की व्यवस्था, शिविर स्थलों की स्थापना, स्वास्थ्य सुविधाओं और पशुधन की देखभाल जैसे कदमों के साथ प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। बक्सर के लोग इस मुश्किल समय में प्रशासन के साथ सहयोग करें और हेल्पलाइन नंबर का उपयोग करें। जिला प्रशासन की सतर्कता और समर्पण से यह सुनिश्चित होगा कि बाढ़ की स्थिति में कोई भी व्यक्ति असहाय न रहे।


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