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गैधरा गांव, बक्सर: भगवान परशुराम जन्मोत्सव में सामाजिक एकता का संदेश

Parshuram Janmmohatsav
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बक्सर जिले के राजपुर विधानसभा क्षेत्र के गैधरा गांव में महर्षि विश्वामित्र भूमि पर युवा सम्राट के तत्वावधान में भगवान परशुराम जन्मोत्सव का चौथा वर्ष धूमधाम से मनाया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता निरंजन पाठक और अधिवक्ता पवन पाठक ने की, जबकि संचालन धर्मेंद्र पांडेय ने किया। कार्यक्रम में भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना, विचार गोष्ठी, और सामाजिक एकता व सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण पर जोर दिया गया।

भगवान परशुराम जन्मोत्सव का महत्व

भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के छठे अवतार, भक्ति और वीरता के प्रतीक माने जाते हैं। अक्षय तृतीया के दिन उनका जन्म हुआ, जिसे हिंदू धर्म में विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। परशुराम जयंती पर पूजा और व्रत करने से साधकों को मोक्ष और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। गैधरा गांव में यह आयोजन सामाजिक एकता और सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत रखने का एक प्रयास था।

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पूजा-अर्चना और भक्ति माहौल

कार्यक्रम की शुरुआत भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना, आरती, और पुष्पांजलि के साथ हुई। उपस्थित जनसमुदाय ने “जय परशुराम” के जयघोष के साथ वातावरण को भक्तिमय बना दिया। पूजा का संचालन आचार्य मनीष पराशर ने किया, जिन्होंने भगवान परशुराम के जीवन और उनके आदर्शों पर प्रकाश डाला। इस तरह के आयोजन सामुदायिक एकता और धार्मिक भावनाओं को मजबूत करते हैं।

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विचार गोष्ठी और वक्ताओं का संदेश

पूजा के बाद आयोजित विचार गोष्ठी का उद्घाटन भाजपा नेता मिथिलेश तिवारी, मंजीव मिश्रा, और हिन्दू पुत्र संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागेश सम्राट भइया ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। आचार्य मनीष पराशर ने कहा, “भगवान परशुराम ने धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष किया। हमें उनके पदचिह्नों पर चलकर सामाजिक एकता और सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित करना चाहिए।” वक्ताओं ने भगवान परशुराम के शास्त्र और शस्त्र दोनों में निपुण होने की चर्चा की और युवाओं से समाज सेवा में योगदान देने की अपील की।

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आयोजन के प्रमुख अतिथि

कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में चुनमुन चौबे (मुखिया), मुन्ना चौबे (जिला मुखिया संघ), ज्ञानप्रकाश उपाध्याय (मुखिया), मोहित दुबे (उप प्रमुख), विजय मिश्रा, अमित पांडेय (भाजपा नेता), दुर्गा चरण मिश्र (प्रमुख), आशिष राय (पैक्स अध्यक्ष), विवेकानंद ओझा (पैक्स अध्यक्ष), पप्पू पांडेय (कजरिया), भुअर पांडेय (कजरिया), नीतिश उपाध्याय (हकीमपुर), कल्लू राय (बक्सर), अमित राय (मुखिया), डब्लू राय (नागपुर), विनोद पाठक, रितेश चौबे, रासबिहारी पाठक, आनंद राय, मदन पाठक, श्याम बिहारी पाठक, रमेश पाठक, तारकेश्वर पाठक, पंकज पांडेय, मोहन तिवारी, अंशु महतो (पटना), नंद जी यादव, मंटू शर्मा, अमित पाठक, राम चौबे (खीरी), कृष्णा त्रिगुण (खीरी), पप्पू पांडेय (संगराव), सोनु पांडेय (संगराव), त्रियोगी पांडेय (संगराव), और अनिल पांडेय (कजरिया) उपस्थित थे। इन सभी ने आयोजन की सफलता में योगदान दिया।

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सामाजिक एकता और सांस्कृतिक परंपराएं

आयोजन का मुख्य उद्देश्य सामाजिक एकता को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक परंपराओं का संरक्षण करना था। वक्ताओं ने भगवान परशुराम के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज में एकजुटता और धर्म के प्रति निष्ठा की बात कही। भगवान परशुराम सामाजिक समरसता और भूमि सुधार के अग्रदूत थे, जिनके आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं। इस आयोजन ने गैधरा गांव में सामुदायिक सहभागिता को मजबूत किया।

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गैधरा गांव में भगवान परशुराम जन्मोत्सव का यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक रहा, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत रखने का एक सफल प्रयास भी साबित हुआ। युवा सम्राट के नेतृत्व में निरंजन पाठक, पवन पाठक, और धर्मेंद्र पांडेय ने इस आयोजन को भव्यता प्रदान की। भगवान परशुराम के आदर्शों से प्रेरित यह कार्यक्रम बक्सर के राजपुर विधानसभा क्षेत्र में सामुदायिक एकता और धार्मिक जागरूकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बक्सर सांस्कृतिक आयोजन जैसे प्रयास समाज को जोड़ने का काम करते हैं।

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