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दुरासन गांव में करंट से बाप-बेटे की मौत, गांव में छाया मातम

died due to electric shock
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बिहार के बक्सर जिले के सिमरी थाना क्षेत्र के दुरासन गांव में गुरुवार, 14 अगस्त 2025 को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें बिजली के करंट की चपेट में आने से एक पिता और उनके बेटे की जान चली गई। इस हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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दुरासन गांव में हुए इस हादसे में मृतकों की पहचान अनिल कुमार राय (45 वर्ष) और उनके बेटे अनिकेश कुमार राय (20 वर्ष) के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार, दोनों खेत में मेड़ कटाई का काम कर रहे थे। खेत की सिंचाई के लिए मोटर शुरू करने के दौरान अनिल कुमार अचानक बिजली के करंट की चपेट में आ गए। अपने पिता को तड़पता देख अनिकेश तुरंत उनकी मदद के लिए दौड़ा, लेकिन वह भी बिजली के तेज झटके से झुलस गया।

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घटना के समय आसपास कोई और मौजूद नहीं था, जिसके कारण तत्काल मदद नहीं मिल सकी। कुछ देर बाद ग्रामीणों ने दोनों को अचेत अवस्था में देखा और उन्हें जल्दी से बक्सर सदर अस्पताल ले गए। लेकिन, वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। इस हादसे ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया।

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पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही सिमरी थाना की पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। थाना अध्यक्ष ने पुलिस बल के साथ घटनास्थल का जायजा लिया और दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए बक्सर सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हादसा कैसे हुआ। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, खेत में बिजली के तारों की खराब स्थिति इस हादसे का कारण हो सकती है।

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ग्रामीणों का दुख और आक्रोश

इस हादसे ने दुरासन गांव में मातम का माहौल बना दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि अनिल कुमार एक मेहनती किसान थे, जो अपने परिवार की आजीविका के लिए खेती-बाड़ी पर निर्भर थे। उनका बड़ा बेटा अनिकेश पढ़ाई के साथ-साथ अपने पिता का खेतों में सहयोग करता था। पिता को बचाने की कोशिश में अनिकेश की मौत ने सभी को भावुक कर दिया।

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स्थानीय लोगों ने बिजली व्यवस्था की खराब स्थिति पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि खेतों में बिजली के तारों की स्थिति जर्जर है और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता। कई ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस हादसे की गहन जांच हो और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।

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बिजली सुरक्षा पर सवाल

यह हादसा बक्सर जिले में बिजली से संबंधित सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर करता है। ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में बिजली के तार खुले रहते हैं और उनकी समय-समय पर मरम्मत नहीं की जाती। इस तरह के हादसे पहले भी जिले के विभिन्न हिस्सों में हो चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि बिजली विभाग को तुरंत खेतों में बिजली लाइनों की जांच करनी चाहिए और सुरक्षा उपायों को लागू करना चाहिए।

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परिवार का हाल

अनिल कुमार और अनिकेश की मौत से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अनिल कुमार परिवार के मुख्य कमाने वाले सदस्य थे, और अनिकेश उनकी उम्मीदों का केंद्र था। इस हादसे ने परिवार को आर्थिक और भावनात्मक रूप से पूरी तरह तोड़ दिया है। ग्रामीण और पड़ोसी परिवार को सांत्वना देने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं, लेकिन इस दुख की घड़ी में कोई भी शब्द उनके दर्द को कम नहीं कर सकता।

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प्रशासन से मुआवजे की मांग

हादसे के बाद ग्रामीणों और परिजनों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह के हादसों में परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करना जरूरी है, ताकि वे इस दुख से उबर सकें। साथ ही, ग्रामीणों ने बिजली विभाग से मांग की है कि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

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दुरासन गांव में हुआ यह हादसा न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि यह बक्सर जिले में बिजली सुरक्षा की गंभीर समस्या को भी उजागर करता है। अनिल कुमार और अनिकेश की मौत ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। यह घटना प्रशासन और बिजली विभाग के लिए एक चेतावनी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली लाइनों की स्थिति को सुधारने और सुरक्षा मानकों को लागू करने की तत्काल जरूरत है। साथ ही, पीड़ित परिवार को मुआवजा और सहायता प्रदान करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। यह हादसा हमें याद दिलाता है कि छोटी-सी लापरवाही कितने बड़े दुख का कारण बन सकती है।


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