शिक्षक दिवस के अवसर पर बिहार की राजधानी पटना में आयोजित एक भव्य समारोह में डुमराँव नगर के हरिजी के हाता स्थित प्लस टू सीपीएस उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक डॉ. मो. अस्फाक को राजकीय शिक्षक पुरस्कार-2025 से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और समर्पित सेवाओं के लिए प्रदान किया गया। जब डॉ. अस्फाक अपने गृह नगर डुमराँव लौटे, तो विद्यालय परिवार और स्थानीय लोगों ने उनका भव्य स्वागत और अभिनंदन किया। यह क्षण न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे डुमराँव और बक्सर जिले के लिए गर्व का पल है।

राजकीय शिक्षक पुरस्कार-2025: एक गौरवपूर्ण सम्मान
शिक्षक दिवस, जो भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और महान शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है, इस बार बिहार में विशेष रूप से यादगार रहा। पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित भव्य समारोह में बिहार सरकार ने राज्य के 72 उत्कृष्ट शिक्षकों को राजकीय शिक्षक पुरस्कार-2025 से सम्मानित किया। इस सूची में डुमराँव के डॉ. मो. अस्फाक का नाम शामिल होना एक बड़ी उपलब्धि है।
इस पुरस्कार के तहत प्रत्येक शिक्षक को 30,000 रुपये की नकद राशि, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। यह सम्मान न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि को दर्शाता है, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान और समाज में बदलाव लाने की उनकी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।
डॉ. मो. अस्फाक की उपलब्धि
डॉ. मो. अस्फाक, प्लस टू सीपीएस उच्च विद्यालय, हरिजी के हाता, डुमराँव के प्रधानाध्यापक हैं। उन्होंने अपने समर्पण और नवाचारी शिक्षण पद्धतियों के जरिए विद्यालय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनकी नेतृत्व क्षमता और शिक्षा के प्रति जुनून ने न केवल छात्रों को प्रेरित किया, बल्कि पूरे समुदाय में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में योगदान दिया।

डॉ. अस्फाक ने शिक्षण के साथ-साथ विद्यालय में अनुशासन, नवाचार और समग्र विकास पर जोर दिया है। उनके प्रयासों से विद्यालय के छात्रों ने शैक्षणिक और सह-शैक्षिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। एक स्थानीय शिक्षक ने कहा, “डॉ. अस्फाक का यह सम्मान हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने शिक्षा को नया आयाम दिया है।”
डुमराँव में भव्य स्वागत
जब डॉ. मो. अस्फाक राजकीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त कर डुमराँव लौटे, तो उनका स्वागत एक उत्सव की तरह हुआ। प्लस टू सीपीएस उच्च विद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों ने मिलकर उनके सम्मान में एक भव्य अभिनंदन समारोह आयोजित किया। स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में इस अवसर पर शामिल हुए और डॉ. अस्फाक को फूल-मालाओं और बधाई संदेशों के साथ सम्मानित किया।
स्वागत समारोह में लोगों ने उनकी उपलब्धि की सराहना की और उनके योगदान को याद किया। एक छात्र ने कहा, “सर हमारे लिए प्रेरणा हैं। उनका यह सम्मान हमें और मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करता है।” स्थानीय निवासियों ने भी इस अवसर को डुमराँव के लिए गर्व का क्षण बताया।
बक्सर और डुमराँव के लिए गर्व का पल
डॉ. मो. अस्फाक का यह सम्मान केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम नहीं है, बल्कि यह पूरे डुमराँव और बक्सर जिले के लिए एक प्रेरणादायी क्षण है। यह उपलब्धि न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि छोटे शहरों और कस्बों के शिक्षक भी बड़े मंच पर अपनी पहचान बना सकते हैं।
बक्सर जिले के लिए यह विशेष रूप से गर्व का विषय है, क्योंकि डॉ. अस्फाक उन चुनिंदा शिक्षकों में शामिल हैं, जिन्हें इस साल यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी यह उपलब्धि युवाओं और शिक्षकों को प्रेरित करेगी कि मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. अस्फाक का योगदान
डॉ. मो. अस्फाक ने अपने करियर में शिक्षा को न केवल एक पेशा, बल्कि एक मिशन के रूप में अपनाया है। उन्होंने अपने विद्यालय में कई नवाचारी कदम उठाए, जिनमें शामिल हैं:
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- छात्र-केंद्रित शिक्षण: उन्होंने ऐसी शिक्षण पद्धतियां अपनाईं, जो छात्रों की रुचि और जरूरतों के अनुरूप हों।
- सह-शैक्षिक गतिविधियां: खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देकर छात्रों का समग्र विकास सुनिश्चित किया।
- शिक्षक प्रशिक्षण: अन्य शिक्षकों को प्रोत्साहित कर उनकी शिक्षण क्षमता को बढ़ाने में योगदान दिया।
- समुदाय से जुड़ाव: स्थानीय समुदाय को शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक करने में सक्रिय भूमिका निभाई।
इन प्रयासों ने न केवल उनके विद्यालय को एक मॉडल स्कूल बनाया, बल्कि डुमराँव में शिक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई।
समारोह का महत्व और प्रेरणा
पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित समारोह में बिहार के 72 शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिनमें डॉ. मो. अस्फाक भी शामिल थे। यह समारोह शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया था, जो शिक्षा के महत्व और शिक्षकों की भूमिका को रेखांकित करता है।
इस समारोह में बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा विभाग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह आयोजन शिक्षकों के प्रति समाज और सरकार की कृतज्ञता को दर्शाता है। डॉ. अस्फाक ने इस अवसर पर कहा, “यह सम्मान मेरे लिए एक जिम्मेदारी है। मैं इसे और बेहतर करने की प्रेरणा के रूप में देखता हूं।”
डुमराँव के लिए प्रेरणा
डॉ. मो. अस्फाक की इस उपलब्धि ने डुमराँव के युवाओं और शिक्षकों के लिए एक नया उदाहरण स्थापित किया है। यह दिखाता है कि छोटे शहरों से भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सम्मान पूरे समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

डॉ. मो. अस्फाक को राजकीय शिक्षक पुरस्कार-2025 से सम्मानित किया जाना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित भव्य समारोह में मिला यह सम्मान उनके शिक्षा के प्रति समर्पण और उत्कृष्ट योगदान का प्रतीक है। डुमराँव में उनके स्वागत और अभिनंदन ने इस उपलब्धि को और भी खास बना दिया।
यह सम्मान न केवल डॉ. अस्फाक और प्लस टू सीपीएस उच्च विद्यालय के लिए, बल्कि पूरे बक्सर जिले के लिए गर्व का विषय है। यह क्षण हर उस व्यक्ति को प्रेरित करता है, जो शिक्षा के जरिए समाज में बदलाव लाना चाहता है। क्या यह उपलब्धि डुमराँव के अन्य शिक्षकों और छात्रों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी? यह सवाल हर उस शख्स के मन में है, जो इस गौरवपूर्ण पल का साक्षी बना।
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