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बक्सर को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की मांग! विश्वामित्र सेना ने चक्की में शुरू की सनातन क्रांति

Raj Kumar Chaubey
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बक्सर के चक्की गांव में रविवार को सनातन संस्कृति उत्थान कार्यक्रम और सनातनी सम्मान समारोह का शानदार आयोजन हुआ। इस मौके पर विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने जोशीले अंदाज में सनातन धर्म और संस्कृति के उत्थान की बात की। उन्होंने कहा कि बक्सर सिर्फ एक जिला नहीं, बल्कि भारत की सनातन चेतना का दिल है। यह वही पवित्र भूमि है, जहां भगवान राम ने विश्वामित्र मुनि से धर्म और युद्ध का पाठ सीखा, जहां ताड़का, मारीच और सुबाहु जैसे अधर्म के प्रतीकों का अंत हुआ। यहीं च्यवन ऋषि ने च्यवनप्राश की खोज की, अहिल्या का उद्धार हुआ, वामन अवतार की पुण्यभूमि बनी और पंचकोशी परिक्रमा ने आत्मा की मुक्ति का रास्ता दिखाया।

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चौबे ने बक्सर की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्ता को रेखांकित करते हुए दुख जताया कि इतनी समृद्ध विरासत के बावजूद बक्सर को आज तक वह सम्मान नहीं मिला, जिसका वह हकदार है। उन्होंने स्थानीय नेताओं, सांसदों, विधायकों और मंत्रियों पर निशाना साधा और कहा कि इन्होंने बक्सर को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। खराब सड़कें, बदहाल अस्पताल और सांस्कृतिक धरोहरों की अनदेखी को उन्होंने गंभीर समस्या बताया।

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चौबे ने 10 बड़ी मांगें रखीं, जिनमें विश्वामित्र मुनि की आदमकद प्रतिमा, च्यवन ऋषि स्मारक, राम-ताड़का युद्ध क्षेत्र को “धर्म युद्ध सर्किट” घोषित करना, पंचकोशी परिक्रमा को राष्ट्रीय तीर्थ पथ का दर्जा और “विश्वामित्र कॉरिडोर” का निर्माण शामिल है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए बताया कि उन्होंने पीएमओ को पत्र लिखा था, जिसके जवाब में फोन पर आश्वासन मिला है कि उनकी मांगों पर काम शुरू हो रहा है। इसे उन्होंने बक्सर के लिए ऐतिहासिक पल करार दिया।

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चौबे ने बिहार के अन्य धार्मिक स्थलों जैसे सीतामढ़ी, गया, अजगैबीनाथ (सुल्तानगंज), मां मुंडेश्वरी (कैमूर), देव (औरंगाबाद) और वाल्मीकिनगर के विकास की भी मांग की। उन्होंने वहां श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाओं की जरूरत पर जोर दिया।

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बक्सर में युवाओं के पलायन, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और सांस्कृतिक उपेक्षा पर चिंता जताते हुए चौबे ने कहा कि जब तक बक्सर को आध्यात्मिक राजधानी का दर्जा, विश्वामित्र आश्रम को अंतरराष्ट्रीय धरोहर का मान और पंचकोशी तीर्थ को राष्ट्रीय पहचान नहीं मिलती, उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने बिहारवासियों से आह्वान किया कि “बक्सर को उसकी गरिमा दिलानी है” और “सनातन की लड़ाई लड़ी जाएगी।” साथ ही, उन्होंने ऐलान किया कि चक्की गांव से नई शुरुआत होगी, जहां हर साल 51 गरीब परिवारों की बेटियों का विवाह कराया जाएगा।

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कार्यक्रम में कई लोगों को सनातनी सम्मान से नवाजा गया। इनमें कृष्ण शर्मा (शाहाबाद संयोजक), राजेश यादव, अनूप सिंह, लाल यादव, परमेश्वर सिंह, दिनेश सिंह, राहुल पांडे, गोवर्धन चौबे, मुनमुन चौबे और अभय चौबे शामिल थे। मंच संचालन जिला संयोजक मोहित दुबे ने किया। इस मौके पर अशोक उपाध्याय, तुलसी निषाद, कन्हैया जी, रमेश पासवान सहित कई लोग मौजूद रहे।

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