दिल्ली पुलिस ने अशोक विहार, उत्तर-पश्चिम दिल्ली में एक बड़े ऑपरेशन में 18 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया, जिनमें से पांच ट्रांसजेंडर के भेष में रह रहे थे। इन लोगों ने पहचान छिपाने के लिए मेकअप, विग, और यहाँ तक कि छोटी सर्जरी और हार्मोनल ट्रीटमेंट का सहारा लिया था। पुलिस ने इनके पास से सात स्मार्टफोन बरामद किए, जिनमें प्रतिबंधित IMO मैसेजिंग ऐप इंस्टॉल था, जिसका उपयोग ये बांग्लादेश में अपने परिवारों से संपर्क के लिए करते थे। यह ऑपरेशन विदेशी अधिनियम, 1946 के उल्लंघन और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे को देखते हुए किया गया। इस लेख में हम दिल्ली पुलिस 18 बांग्लादेशी नागरिक अवैध प्रवास ट्रांसजेंडर IMO ऐप की पूरी जानकारी, ऑपरेशन के विवरण, और सामाजिक प्रभाव को तालिका के साथ प्रस्तुत करेंगे।

ऑपरेशन का अवलोकन: दिल्ली पुलिस की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस की फॉरेनर्स सेल, उत्तर-पश्चिम जिला ने 28 जून 2025 को अशोक विहार में एक सुनियोजित ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन में 100 झुग्गियों और 150 गलियों को घेरकर सत्यापन अभियान चलाया गया। खुफिया जानकारी और हफ्तों की निगरानी के आधार पर पुलिस ने 18 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया, जो बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे थे। यह कार्रवाई विदेशी अधिनियम, 1946 के उल्लंघन के तहत की गई, क्योंकि ये लोग बिना पासपोर्ट या वीजा के दिल्ली में रह रहे थे।
गिरफ्तारियों का विवरण: 18 बांग्लादेशी नागरिक
विवरण | जानकारी |
---|---|
कुल गिरफ्तार | 18 (10 वयस्क, 3 बच्चे, 5 ट्रांसजेंडर भेष) |
स्थान | अशोक विहार, उत्तर-पश्चिम दिल्ली |
जिलों का मूल स्थान | ढाका, खुलना, गाजीपुर, अशरफबाद (बांग्लादेश) |
बरामद सामग्री | 7 स्मार्टफोन (IMO ऐप इंस्टॉल) |
- पहला ऑपरेशन: एक संदिग्ध व्यक्ति को पूछताछ के दौरान पकड़ा गया, जिसने बाद में बांग्लादेशी नागरिक होने की बात कबूली। इसके आधार पर उसके परिवार के 10 वयस्कों और 3 बच्चों को भी गिरफ्तार किया गया।
- दूसरा ऑपरेशन: पांच व्यक्तियों को ट्रांसजेंडर के भेष में पकड़ा गया, जो घनी आबादी वाले इलाकों में रहकर पुलिस की नजरों से बच रहे थे।
ट्रांसजेंडर भेष: पहचान छिपाने की रणनीति
पांच बांग्लादेशी नागरिकों ने ट्रांसजेंडर पहचान अपनाकर अपनी असल पहचान छिपाई।
- तरीके:
- मेकअप और विग: महिला जैसी शक्ल-सूरत और आवाज बनाने के लिए मेकअप और विग का उपयोग।
- सर्जरी और हार्मोनल ट्रीटमेंट: कुछ ने छोटी सर्जरी और हार्मोनल थेरेपी कराई ताकि उनकी शारीरिक बनावट और आवाज बदली जा सके।
- उद्देश्य: घनी आबादी वाले इलाकों में घुलमिल जाना और सामाजिक संवेदनशीलता का फायदा उठाकर पुलिस चेकिंग से बचना।
- प्रभाव: इस रणनीति ने न केवल कानूनी प्रक्रियाओं को जटिल किया, बल्कि वास्तविक ट्रांसजेंडर समुदाय की छवि और अधिकारों पर भी नकारात्मक असर डाला।
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IMO ऐप का उपयोग: सुरक्षा चिंताएँ
पुलिस ने सात स्मार्टफोन बरामद किए, जिनमें IMO मैसेजिंग ऐप इंस्टॉल था।
- IMO ऐप: यह एक सुरक्षित वीडियो कॉल और मैसेजिंग ऐप है, जिसे भारत में 2023 में सुरक्षा कारणों से प्रतिबंधित किया गया था, क्योंकि इसका उपयोग आतंकी संगठनों द्वारा किया जा रहा था।
- उपयोग: गिरफ्तार व्यक्तियों ने इस ऐप का उपयोग बांग्लादेश में अपने परिवारों से संपर्क के लिए किया, जो कम डेटा खपत और ट्रेसिंग में कठिनाई के कारण पसंद किया जाता है।
- चिंताएँ: इस ऐप का उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है, क्योंकि यह अवैध गतिविधियों को छिपाने में मदद करता है।
मुंबई और पुणे में भी कार्रवाई
मुंबई और पुणे में भी अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
- मुंबई: बांद्रा पुलिस ने 15 जनवरी 2025 को कुलसुम शेख उर्फ मोहिनी को गिरफ्तार किया, जो 2016 से अवैध रूप से रह रही थी। उसने IMO ऐप डिलीट कर दिया था, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया। 1 जनवरी 2025 से मुंबई में 42 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार किए गए।
- पुणे: पुणे ATS ने 22 अक्टूबर 2024 को 21 बांग्लादेशी नागरिकों (15 पुरुष, 4 महिलाएँ, 2 ट्रांसजेंडर) को रंजनगाँव में नकली दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया। ये लोग दिहाड़ी मजदूरी कर रहे थे।
- समानता: दोनों शहरों में भी IMO ऐप का उपयोग और ट्रांसजेंडर भेष की रणनीति देखी गई, जो एक संगठित नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ: X पर चर्चा
X पर इस कार्रवाई को लेकर व्यापक चर्चा हुई। @PTI_News ने 28 जून 2025 को पोस्ट किया, “दिल्ली: 18 अवैध बांग्लादेशी गिरफ्तार, 5 ट्रांसजेंडर के भेष में।” (@PTI_News, 15:03 IST)। @moliticsindia ने लिखा, “पुलिस ने अशोक विहार में 100 झुग्गियों और 150 गलियों में सत्यापन अभियान चलाया।” कुछ यूजर्स ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर चिंता जताई, जबकि अन्य ने ट्रांसजेंडर समुदाय की छवि पर पड़ने वाले प्रभाव पर सवाल उठाए। ये पोस्ट्स असत्यापित हैं और सावधानी से देखी जानी चाहिए।
राष्ट्रीय सुरक्षा और कानूनी कार्रवाई
दिल्ली पुलिस 18 बांग्लादेशी नागरिक अवैध प्रवास ट्रांसजेंडर IMO ऐप ऑपरेशन ने अवैध प्रवास और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े खतरों को उजागर किया। 18 गिरफ्तारियों, जिनमें 5 ट्रांसजेंडर भेष वाले शामिल थे, और IMO ऐप की बरामदगी ने एक संगठित नेटवर्क की संभावना को रेखांकित किया। सभी 18 व्यक्तियों को फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) को सौंप दिया गया है, और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और अवैध प्रवास को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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