बिहार सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने बक्सर में जिला खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण परिषद का गठन कर दिया है। सरकार के अवर सचिव द्वारा 9 सितंबर 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, इस परिषद का अध्यक्ष जिलाधिकारी को बनाया गया है, जबकि उपविकास आयुक्त सहित जिले के 12 विभागों के अधिकारियों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, उपभोक्ता हितों से जुड़े दो सक्रिय कार्यकर्ताओं, डॉ. श्रवण तिवारी (पुरुष सदस्य) और मीना सिंह (महिला सदस्य) को भी परिषद में नामित किया गया है। यह गठन उपभोक्ता संरक्षण को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

परिषद का गठन और संरचना
बिहार सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत जिला खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण परिषद का गठन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 और उपभोक्ता संरक्षण नियम, 2021 के प्रावधानों के आधार पर किया गया है। इस परिषद का नेतृत्व जिलाधिकारी करेंगे, जो परिषद के अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा, उपविकास आयुक्त, जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष, जिला शिक्षा पदाधिकारी, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी, कृषि पदाधिकारी, पंचायती राज पदाधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, आईसीडीएस के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, जिला माप और तौल पदाधिकारी, और जिला लीड बैंक प्रबंधक को परिषद का सदस्य बनाया गया है।
इसके अतिरिक्त, उपभोक्ता संगठनों, उपभोक्ता हितों से जुड़े सक्रिय कार्यकर्ताओं, और कृषक, व्यापार या उद्योग जगत से जुड़े दो प्रतिनिधियों को भी परिषद में शामिल किया गया है। इनमें डॉ. श्रवण तिवारी और मीना सिंह के नाम शामिल हैं, जिन्हें क्रमशः पुरुष और महिला सदस्य के रूप में नामित किया गया है। इन दोनों को उपभोक्ता संरक्षण से जुड़े मामलों की निगरानी और सुझाव देने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।
परिषद का कार्यकाल और उद्देश्य
जिला खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण परिषद का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। इस दौरान परिषद का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता हितों से जुड़े मामलों पर नीतिगत सुझाव देना, शिकायतों का समाधान करना, और आवश्यक कदम उठाना होगा। परिषद का गठन उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए किया गया है। यह परिषद बक्सर जिले में खाद्य सुरक्षा, उपभोक्ता अधिकारों, और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगी।

डॉ. श्रवण तिवारी और मीना सिंह जैसे गैर-सरकारी सदस्यों की नियुक्ति से परिषद को सामाजिक और स्थानीय स्तर पर उपभोक्ता हितों की बेहतर समझ मिलेगी। यह कदम सरकार के उस दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ताओं और समुदाय के प्रतिनिधियों को नीति निर्माण में शामिल किया जा रहा है।
डॉ. श्रवण तिवारी और मीना सिंह की भूमिका
डॉ. श्रवण तिवारी, जो बक्सर के कृष्णनगर, चरित्रायण क्षेत्र से हैं, सामाजिक और उपभोक्ता हितों से जुड़े कार्यों में सक्रिय रहे हैं। उनकी नियुक्ति से परिषद को उपभोक्ता अधिकारों के प्रति एक मजबूत आवाज मिलेगी। वहीं, मीना सिंह, जो कोइरपुरवा, ज्योति चौक की निवासी हैं, सामाजिक कार्यों और उपभोक्ता जागरूकता में अपनी सक्रियता के लिए जानी जाती हैं। उनकी नियुक्ति से परिषद में महिला दृष्टिकोण को और बल मिलेगा।
इन दोनों सदस्यों को परिषद में शामिल करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ता हितों से जुड़े मुद्दों पर स्थानीय स्तर की समस्याओं को प्रभावी ढंग से उठाया जाए। दोनों ही सदस्य परिषद में नीतिगत सुझाव देंगे और उपभोक्ता शिकायतों के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बक्सर में उपभोक्ता संरक्षण का महत्व
बक्सर, जो एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जिला है, में उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में यह परिषद एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परिषद न केवल उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करेगी, बल्कि खाद्य सुरक्षा, उचित मूल्य पर वस्तुओं की उपलब्धता, और व्यापार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में भी मदद करेगी।
यह भी पढ़ें
- बक्सर में धूमधाम से नामांकन: मुन्ना तिवारी और विश्वनाथ राम ने ली महागठबंधन की सौगात, विशाल सभा में गूंजा सेवा का संकल्प
- बक्सर का तनिष्क ज्योति चौक चमक उठा: धनतेरस-दिवाली पर ट्रेडिशनल और मॉडर्न ज्वेलरी की नई रेंज, 600 रुपये तक प्रति ग्राम छूट!
- बक्सर का गौरव: आरपीएफ उप निरीक्षक दिनेश चौधरी को मिला भारतीय पुलिस पदक, 36 वर्षों की सेवा का सम्मान
स्थानीय लोगों ने इस गठन का स्वागत किया है। एक निवासी ने कहा, “डॉ. श्रवण तिवारी और मीना सिंह जैसे स्थानीय प्रतिनिधियों की नियुक्ति से हमें उम्मीद है कि हमारी समस्याएं अब और प्रभावी ढंग से सुनी जाएंगी। यह परिषद बक्सर में उपभोक्ता अधिकारों को मजबूत करने में मदद करेगी।”
जनता की अपेक्षाएं
बक्सर की जनता इस परिषद से कई अपेक्षाएं रखती है। लोग चाहते हैं कि परिषद खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता, कालाबाजारी, और अनुचित व्यापार प्रथाओं पर कड़ी नजर रखे। इसके अलावा, उपभोक्ता शिकायतों के त्वरित समाधान और जागरूकता अभियानों पर भी जोर दिया जा रहा है।
डॉ. श्रवण तिवारी और मीना सिंह की नियुक्ति से लोगों को यह विश्वास है कि परिषद स्थानीय समस्याओं को गंभीरता से लेगी। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा, “यह परिषद उपभोक्ताओं और व्यापारियों के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करेगी। हम उम्मीद करते हैं कि यह उपभोक्ता हितों के साथ-साथ निष्पक्ष व्यापार को भी बढ़ावा देगी।”

बक्सर में जिला खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण परिषद का गठन उपभोक्ता अधिकारों और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित इस परिषद में डॉ. श्रवण तिवारी और मीना सिंह जैसे स्थानीय प्रतिनिधियों की नियुक्ति से यह और प्रभावी होगी। यह परिषद न केवल उपभोक्ता शिकायतों का समाधान करेगी, बल्कि नीतिगत सुझावों के माध्यम से बक्सर में उपभोक्ता हितों को बढ़ावा देगी।
क्या यह परिषद बक्सर में उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में नया बदलाव लाएगी? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में है, जो इस परिषद से अपनी समस्याओं के समाधान की उम्मीद रखता है। आने वाले दिन इस परिषद की कार्यप्रणाली और प्रभाव को और स्पष्ट करेंगे।
jansancharbharat.com पर पढ़ें ताजा एंटरटेनमेंट, राष्ट्रीय समाचार (National News), खेल, मनोरंजन, धर्म, लाइस्टाइल, हेल्थ, शिक्षा से जुड़ी हर खबर। ब्रेकिंग न्यूज और हर खबर की अपडेट के लिए जनसंचार भारत को होम पेज पर जोड़ कर अपना अनुभव शानदार बनाएं।
Discover more from Jansanchar Bharat
Subscribe to get the latest posts sent to your email.