बक्सर के ऐतिहासिक किला मैदान में श्री रामलीला समिति द्वारा आयोजित 22 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव 2025 की शुरुआत 14 सितंबर को जितिया पर्व के पावन अवसर पर होगी। इस महोत्सव में दिन में श्रीकृष्ण लीला और रात में श्रीराम लीला का भव्य और दिव्य मंचन किया जाएगा। यह आयोजन बक्सर की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को जीवंत करने का एक अनूठा प्रयास है, जो हर साल हजारों लोगों को आकर्षित करता है। इस बार भी यह महोत्सव भक्ति, संस्कृति और परंपरा का संगम बनने जा रहा है।

उद्घाटन समारोह और अतिथि
विजयादशमी महोत्सव का शुभारंभ 14 सितंबर को बसांव पीठ के पीठाधीश्वर अच्युत प्रपन्नाचार्य जी महाराज और श्रीराम जानकी मंदिर, सीताराम विवाह स्थल के महंत राजाराम शरण दास जी महाराज के कर कमलों और आशीर्वचन से होगा। इस अवसर पर बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री एवं बक्सर जिला प्रभारी मंत्री नितिन मुकेश मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे, जबकि भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा विशिष्ट अतिथि होंगे।
श्री रामलीला समिति के सचिव बैकुण्ठ नाथ शर्मा ने बताया कि यह आयोजन बक्सर की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि इस महोत्सव के जरिए लोग भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की लीलाओं से प्रेरणा लें। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक एकता को भी बढ़ावा देता है।”
भव्य मंचन और वृंदावन की लीला मंडली
इस 22 दिवसीय महोत्सव में वृंदावन की प्रसिद्ध श्री राधा माधव रासलीला एवं रामलीला मंडल के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इस मंडली का निर्देशन स्वामी सुरेश उपाध्याय ‘व्यास जी’ करेंगे, जिनकी देखरेख में श्रीकृष्ण और श्रीराम की लीलाओं का दिव्य मंचन होगा। समिति के संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता ने बताया कि मंचन की हर प्रस्तुति को भव्य और प्रभावशाली बनाने के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं।
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बैकुण्ठ नाथ शर्मा ने बक्सर के निवासियों से अपील की कि वे इस महोत्सव में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर इसे सफल बनाएं। उन्होंने कहा, “यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का एक अवसर है। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे अपने परिवार के साथ इस भक्ति और आनंद के उत्सव का हिस्सा बनें।”
महोत्सव का कार्यक्रम और समय-सारणी
विजयादशमी महोत्सव 2025 का शेड्यूल बेहद रोचक और भक्ति से भरा हुआ है। हरिशंकर गुप्ता ने इस आयोजन की समय-सारणी साझा करते हुए बताया कि महोत्सव की शुरुआत 14 सितंबर की शाम को गणेश पूजन और शिव-पार्वती विवाह लीला के मंचन से होगी। इसके बाद निम्नलिखित कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे:
- 15 सितंबर: श्रीकृष्ण जन्म और नारद मोह लीला
- 16 सितंबर: नंद महोत्सव, पूतना वध, और रावण अत्याचार लीला
- 21 सितंबर: सीता स्वयंवर
- 24 सितंबर: राम वनवास
- 25 सितंबर: भरत मिलन
- 27 सितंबर: सीताहरण
- 28 सितंबर: सुग्रीव मित्रता और वाली वध
- 29 सितंबर: लंका दहन
- 30 सितंबर: विभीषण शरणागति और सेतु बंध
- 1 अक्टूबर: लक्ष्मण शक्ति और कुंभकर्ण वध
- 2 अक्टूबर: रावण वध, पुतला दहन, और आतिशबाजी
- 3 अक्टूबर: राजा हरिश्चंद्र नाटक
- 4 अक्टूबर: जमुना चौक पर भरत मिलाप
- 5 अक्टूबर: चन्द्र मंदिर पर श्रीराम राज्याभिषेक के साथ महोत्सव का समापन
यह समय-सारणी बक्सर के लोगों के लिए एक सांस्कृतिक और धार्मिक यात्रा का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करती है। हर दिन की प्रस्तुति भक्ति और मनोरंजन का अनूठा संगम होगी।
बक्सर की सांस्कृतिक धरोहर
बक्सर का किला मैदान न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि यह शहर की सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों का केंद्र भी है। श्री रामलीला समिति द्वारा आयोजित यह विजयादशमी महोत्सव बक्सर की समृद्ध परंपराओं को जीवंत करता है। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक जागरूकता को भी बढ़ावा देता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह महोत्सव हर साल उनके लिए एक उत्सव की तरह होता है। एक निवासी ने कहा, “किला मैदान में होने वाली रामलीला और कृष्ण लीला हमें हमारी परंपराओं से जोड़ती है। यह बच्चों और युवाओं को हमारी संस्कृति के करीब लाने का एक शानदार अवसर है।”
आयोजन का महत्व
विजयादशमी महोत्सव का आयोजन बक्सर में धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। यह महोत्सव न केवल भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण की लीलाओं को जीवंत करता है, बल्कि समाज में नैतिकता, सत्य और धर्म के मूल्यों को भी स्थापित करता है। अच्युत प्रपन्नाचार्य जी महाराज और राजाराम शरण दास जी महाराज के आशीर्वचन इस आयोजन को और पवित्र बनाते हैं।

नितिन मुकेश और ऋतुराज सिन्हा की उपस्थिति इस आयोजन को राजनीतिक और सामाजिक महत्व भी प्रदान करती है। यह आयोजन बक्सर के लोगों को एकजुट होने और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का अवसर देता है।
समापन और अपील
श्री रामलीला समिति ने इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। बैकुण्ठ नाथ शर्मा और हरिशंकर गुप्ता ने बक्सर के लोगों से अपील की है कि वे इस आयोजन में शामिल होकर इसे और भव्य बनाएं। यह महोत्सव न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

विजयादशमी महोत्सव 2025 बक्सर के लिए एक ऐसा अवसर है, जो भक्ति, संस्कृति और एकता का संगम प्रस्तुत करता है। क्या यह आयोजन बक्सर की सांस्कृतिक धरोहर को और मजबूत करेगा? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में है, जो इस 22 दिवसीय उत्सव का हिस्सा बनने जा रहा है।
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