बिहार के ऊर्जा क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। बक्सर जिले के चौसा में बहुप्रतीक्षित बक्सर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की पहली इकाई शुक्रवार, 22 अगस्त 2025 से बिजली उत्पादन शुरू करेगी। इस 660 मेगावाट की इकाई का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गया से वर्चुअल रूप से करेंगे। यह प्रोजेक्ट बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल बिजली आपूर्ति को मजबूत करेगा, बल्कि औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन में भी योगदान देगा।

बक्सर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन
बक्सर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की पहली 660 मेगावाट इकाई का उद्घाटन एक ऐतिहासिक क्षण है। इस प्रोजेक्ट की नींव 9 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह की उपस्थिति में वर्चुअल समारोह के माध्यम से रखी थी। उद्घाटन समारोह में स्थानीय सांसद, विधायक, जिला मजिस्ट्रेट और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे।
पिछले शुक्रवार को इस इकाई का सफल ट्रायल रन पूरा हुआ, जिसके बाद यह बिजली उत्पादन के लिए तैयार है। यह इकाई पटना, करमनाशा और देहरी-ऑन-सोन के प्रमुख ग्रिड स्टेशनों को सीधे बिजली आपूर्ति करेगी। प्रोजेक्ट के कमीशनिंग प्रभारी ने इस विकास पर गर्व जताते हुए कहा कि यह न केवल बक्सर, बल्कि पूरे बिहार के लिए एक मील का पत्थर है।
प्रोजेक्ट का विवरण और लागत
बक्सर थर्मल पावर प्रोजेक्ट का निर्माण सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (SJVN) द्वारा किया जा रहा है, जो केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार का संयुक्त उद्यम और एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआती अनुमानित लागत 10,439 करोड़ रुपये थी, जो देरी और लॉजिस्टिक चुनौतियों के कारण बढ़कर 14,390 करोड़ रुपये हो गई है।

वर्तमान में प्रोजेक्ट में दो इकाइयां हैं, जिनमें से पहली 660 मेगावाट इकाई शुक्रवार से शुरू हो रही है। दूसरी इकाई अगले साल तक चालू होने की उम्मीद है, जिसके बाद कुल क्षमता 1,320 मेगावाट होगी। भविष्य में इसे 1,980 मेगावाट तक विस्तार करने की योजना है।
बिजली आपूर्ति और आवंटन
इस प्रोजेक्ट से उत्पन्न होने वाली बिजली का 85% हिस्सा बिहार को मिलेगा, जबकि शेष 15% हिस्सा ओडिशा, असम और सिक्किम जैसे राज्यों को केंद्रीय बिजली पूल के तहत आवंटित किया जाएगा। यह बिजली आपूर्ति बिहार की बिजली की कमी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, क्योंकि वर्तमान में बिहार को अन्य राज्यों से बिजली आयात करनी पड़ती है।
प्रोजेक्ट से प्रतिदिन लगभग 10,000 करोड़ रुपये मूल्य की बिजली उत्पादन की उम्मीद है। इसके लिए प्रतिदिन 7,000 टन कोयले और 55 क्यूबिक मीटर पानी की आवश्यकता होगी, जिसके लिए साइट पर व्यापक व्यवस्था की गई है।
रोजगार सृजन और आर्थिक प्रभाव
इस प्रोजेक्ट ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 10,000 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। SJVN के सीईओ विकाश शर्मा ने बताया कि यह प्रोजेक्ट बिहार में बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश को आकर्षित करेगा, आर्थिक विकास को गति देगा और नए रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
बक्सर और आसपास के जिलों में बिजली आपूर्ति में सुधार से स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल बिहार की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि क्षेत्र का समग्र आर्थिक विकास भी होगा।
यह भी पढ़ें
- बक्सर में धूमधाम से नामांकन: मुन्ना तिवारी और विश्वनाथ राम ने ली महागठबंधन की सौगात, विशाल सभा में गूंजा सेवा का संकल्प
- बक्सर का तनिष्क ज्योति चौक चमक उठा: धनतेरस-दिवाली पर ट्रेडिशनल और मॉडर्न ज्वेलरी की नई रेंज, 600 रुपये तक प्रति ग्राम छूट!
- बक्सर का गौरव: आरपीएफ उप निरीक्षक दिनेश चौधरी को मिला भारतीय पुलिस पदक, 36 वर्षों की सेवा का सम्मान
प्रोजेक्ट की विशेषताएं और तकनीक
बक्सर थर्मल पावर प्रोजेक्ट अत्याधुनिक सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित है, जो कोयले की कम खपत में अधिक बिजली उत्पादन करती है। यह पर्यावरण के अनुकूल भी है, क्योंकि इसमें उत्सर्जन नियंत्रण के लिए आधुनिक सिस्टम जैसे फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (FGD) और सेलेक्टिव कैटेलिटिक रिडक्शन (SCR) का उपयोग किया गया है।
इसके अलावा, प्रोजेक्ट में पानी और कोयले की आपूर्ति के लिए मजबूत व्यवस्था की गई है। कोयला झारखंड के मगध और अमरापाली कोयला ब्लॉकों से प्राप्त होगा, जबकि पानी की आपूर्ति गंगा नदी से सुनिश्चित की गई है।
भविष्य की योजनाएं
SJVN ने इस प्रोजेक्ट को और विस्तार देने की योजना बनाई है। दूसरी इकाई के चालू होने के बाद, प्रोजेक्ट की कुल क्षमता 1,320 मेगावाट हो जाएगी। इसके बाद, एक तीसरी 660 मेगावाट इकाई जोड़कर कुल क्षमता को 1,980 मेगावाट करने की योजना है। यह विस्तार बिहार की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने में मदद करेगा।
SJVN का लक्ष्य 2023 तक 5,000 मेगावाट, 2030 तक 12,000 मेगावाट और 2040 तक 25,000 मेगावाट की कंपनी बनना है। बक्सर प्रोजेक्ट इस लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बिहार के लिए नया युग
इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन बिहार के ऊर्जा क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत है। यह बिहार को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। स्थानीय लोगों और उद्योगपतियों ने इस प्रोजेक्ट की सराहना की है और इसे बिहार के विकास के लिए एक गेम-चेंजर बताया है।
बक्सर थर्मल पावर प्रोजेक्ट न केवल बिजली आपूर्ति को मजबूत करेगा, बल्कि बिहार को औद्योगिक और आर्थिक रूप से एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। यह प्रोजेक्ट बिहार के लोगों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का वादा करता है।

बक्सर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की पहली 660 मेगावाट इकाई का उद्घाटन बिहार के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। 22 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल उद्घाटन के साथ यह प्रोजेक्ट बिहार की बिजली आपूर्ति को मजबूत करेगा और आर्थिक विकास को गति देगा। SJVN द्वारा संचालित इस प्रोजेक्ट से 10,000 लोगों को रोजगार मिला है और भविष्य में यह और अधिक अवसर पैदा करेगा। 85% बिजली बिहार को आवंटित होने से राज्य की बिजली की कमी दूर होगी। यह प्रोजेक्ट बिहार के लिए एक नया युग लेकर आएगा, जो आत्मनिर्भरता और समृद्धि की ओर बढ़ेगा।
jansancharbharat.com पर पढ़ें ताजा एंटरटेनमेंट, राष्ट्रीय समाचार (National News), खेल, मनोरंजन, धर्म, लाइस्टाइल, हेल्थ, शिक्षा से जुड़ी हर खबर। ब्रेकिंग न्यूज और हर खबर की अपडेट के लिए जनसंचार भारत को होम पेज पर जोड़ कर अपना अनुभव शानदार बनाएं।
Discover more from Jansanchar Bharat
Subscribe to get the latest posts sent to your email.