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बक्सर का गौरव: आरपीएफ उप निरीक्षक दिनेश चौधरी को मिला भारतीय पुलिस पदक, 36 वर्षों की सेवा का सम्मान

Buxar RPF
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बक्सर जिले के लिए आज एक ऐतिहासिक और गर्व भरा दिन है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के उप निरीक्षक दिनेश चौधरी को उनकी 36 वर्षों की निष्ठापूर्ण, बेदाग और उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रतिष्ठित भारतीय पुलिस पदक (आईपीएम) से नवाजा गया है। यह सम्मान उन्हें गुजरात के वलसाड में आयोजित आरपीएफ रेजिंग डे 2025 के खास मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों प्रदान किया गया। राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त इस पदक और प्रशस्ति पत्र के साथ दिनेश चौधरी ने न सिर्फ अपनी कड़ी मेहनत का फल पाया, बल्कि पूरे बक्सर जिले को राष्ट्रीय पटल पर नई ऊंचाई दी। आइए, जानते हैं इस सम्मान की पूरी कहानी और इसके पीछे की प्रेरणादायक यात्रा।

सम्मान समारोह: वलसाड में गूंजा बक्सर का नाम

आरपीएफ रेजिंग डे 2025 का आयोजन गुजरात के वलसाड में धूमधाम से हुआ, जहां देश भर से चुने गए उत्कृष्ट आरपीएफ अधिकारियों को सम्मानित किया गया। इस समारोह में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने कहा कि ऐसे सम्मान रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में समर्पण और अनुशासन की मिसाल पेश करते हैं। उप निरीक्षक दिनेश चौधरी को राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त भारतीय पुलिस पदक और प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया। यह पदक उन लोगों को दिया जाता है जो लंबे समय तक बिना किसी दाग के सेवा देते हैं और रेल यात्रियों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

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दिनेश चौधरी, जो बक्सुर जिले के मूल निवासी हैं, ने इस अवसर पर अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने कहा, “यह सम्मान केवल मेरा नहीं है, बल्कि पूरे आरपीएफ बल का और खासकर बक्सर की जनता का है। 36 वर्षों की सेवा में मैंने हमेशा यात्रियों की सुरक्षा और रेल संपत्ति की रक्षा को प्राथमिकता दी। यह पुरस्कार आगे भी सेवा भावना और अनुशासन के साथ कार्य करने की प्रेरणा देगा।” उनके शब्दों में जो विनम्रता और समर्पण झलका, वह हर किसी को छू गया। समारोह में मौजूद अन्य अधिकारियों ने भी उनकी तारीफ की, कहते हुए कि चौधरी सर जैसी सेवा ही रेलवे को मजबूत बनाती है।

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36 वर्षों की यात्रा: एक सामान्य युवक से पदक विजेता तक

उप निरीक्षक दिनेश चौधरी की सेवा यात्रा किसी प्रेरणा कथा से कम नहीं। बक्सर के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले दिनेश ने 1989 में आरपीएफ में प्रवेश किया। शुरुआती दिनों से ही वे रेलवे स्टेशनों पर गश्त, यात्रियों की सहायता और अपराध रोकथाम में सक्रिय रहे। बक्सर रेलवे स्टेशन पर उनकी तैनाती के दौरान उन्होंने कई बार संकट के समय यात्रियों को सुरक्षित निकाला। एक बार जब ट्रेन में भीड़ में चोरों का गिरोह सक्रिय था, तो चौधरी ने अकेले ही उन्हें पकड़ लिया, जिससे सैकड़ों यात्रियों का सामान बचा।

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उनकी सेवा में कोई दाग नहीं – न तो कोई शिकायत, न ही कोई लापरवाही। हमेशा अनुशासन और ईमानदारी से काम किया। सहकर्मियों के अनुसार, चौधरी सर न सिर्फ कर्तव्यनिष्ठ थे, बल्कि युवा जवानों को भी मार्गदर्शन देते रहे। बक्सर जिले के रेलवे क्षेत्र में उनकी पहचान एक ‘सुरक्षा दीवार’ जैसी है। 36 वर्षों में उन्होंने हजारों यात्रियों की मदद की, रेल संपत्ति की रक्षा की और अपराध दर को कम करने में योगदान दिया। यह पदक उनकी मेहनत का सच्चा इनाम है, जो गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर घोषित हुआ था। बक्सर के लोग कहते हैं कि चौधरी सर जैसा अधिकारी मिलना दुर्लभ है – वे न सिर्फ ड्यूटी निभाते हैं, बल्कि दिल से सेवा करते हैं।

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बक्सर में स्वागत: बधाइयों की बौछार

सम्मान प्राप्त कर बक्सर लौटते ही उप निरीक्षक दिनेश चौधरी का जोरदार स्वागत हुआ। आरपीएफ पोस्ट पर निरीक्षक प्रभारी कुंदन कुमार, उप निरीक्षक विजेंद्र मुवाल, सहायक उप निरीक्षक उमेश राय सहित अन्य अधिकारी और जवान मौजूद थे। उन्होंने चौधरी को सलामी दी और गर्मजोशी से बधाई दी। कुंदन कुमार ने कहा, “चौधरी सर हम सभी के प्रेरणास्रोत हैं। उनकी यह उपलब्धि पूरे बक्सर आरपीएफ को गौरवान्वित करती है।” विजेंद्र मुवाल ने बताया कि चौधरी सर ने हमेशा टीम वर्क को महत्व दिया, जिससे हम सबने बहुत कुछ सीखा।

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न सिर्फ पुलिसकर्मी, बल्कि बक्सर के समाजसेवी और गणमान्य नागरिक भी पहुंचे। स्थानीय व्यापारियों, शिक्षकों और युवाओं ने फूलमालाओं से स्वागत किया। एक समाजसेवी ने कहा, "बक्सर का नाम राष्ट्रीय स्तर पर चमकाने के लिए चौधरी जी का शुक्रिया। यह हम सबकी जीत है।" बच्चे-बूढ़े सबने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस स्वागत ने पूरा माहौल उत्साहपूर्ण बना दिया, और लोग घंटों उनकी सेवा की कहानियां सुनते रहे। यह दृश्य देखकर लगता था जैसे पूरा बक्सर एक परिवार हो।

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बक्सर की पहचान: राष्ट्रीय पटल पर एक और अध्याय

इस सम्मान के साथ बक्सर ने एक बार फिर साबित किया कि यहां के लोग मेहनत और समर्पण से कुछ भी हासिल कर सकते हैं। पहले भी बक्सर के अधिकारियों ने विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमाया है, लेकिन आरपीएफ जैसे संवेदनशील क्षेत्र में यह उपलब्धि खास है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने समारोह में कहा कि ऐसे पदक रेलवे सुरक्षा को मजबूत करने वाले योद्धाओं को प्रोत्साहित करते हैं। दिनेश चौधरी की कहानी युवाओं के लिए एक मिसाल है – कि अनुशासन और सेवा भाव से कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है।

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बक्सर जिला प्रशासन ने भी इस उपलब्धि पर बधाई संदेश जारी किया। एसपी ने कहा कि चौधरी सर जैसी सेवा ही जिले का असली गौरव है। यह पदक न सिर्फ व्यक्तिगत सम्मान है, बल्कि पूरे रेलवे परिवार के लिए प्रेरणा। आगे भी बक्सर के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि ऐसे और नाम उभरेंगे, जो देश को गर्व महसूस कराएंगे।

आगे की प्रेरणा: सेवा का संकल्प

उप निरीक्षक दिनेश चौधरी ने स्पष्ट कहा कि यह पुरस्कार उन्हें और मेहनत करने की ताकत देगा। वे अब युवा जवानों को ट्रेनिंग देकर अपना अनुभव साझा करेंगे। बक्सर के लोग चाहते हैं कि उनकी कहानी स्कूलों में पढ़ाई जाए, ताकि बच्चे सेवा के महत्व को समझें। यह घटना हमें सिखाती है कि सच्ची सफलता लंबे समय की मेहनत से आती है। बक्सर आज गर्व से चमक रहा है, और यह चमक लंबे समय तक बनी रहेगी।


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