बक्सर जिला गौशाला कांड ने बिहार के बक्सर जिले में हलचल मचा दी है। नगर थाना के पास, महाराजा पेट्रोल पंप के सामने स्थित आदर्श गौशाला में गायों की हालत बेहद खराब है। इस गौशाला की अरबों की संपत्ति के बावजूद, यहां गायें इलाज के अभाव में दम तोड़ रही हैं। शनिवार दोपहर 11-12 बजे के बीच गौशाला परिसर में एक मरी हुई गाय देखी गई, जो इसकी लापरवाही का जीता-जागता सबूत है। स्थानीय लोग इसे गौ सेवा के नाम पर धोखा और संपत्ति लूट का खेल बता रहे हैं।

इलाज के अभाव में मौत का सिलसिला
गौशाला में गायों की देखभाल के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं है। मैनेजर के अनुसार, महीने में पांच गायों की मौत हो रही है, जबकि सचिव की ओर से दी गई जानकारी में गायों की संख्या में भी अस्पष्टता है। 108 से 118 तक बताई जा रही इस संख्या में सच्चाई का पता लगाना मुश्किल है। गायों को कमरों में ठूसकर रखा गया है, जहां बैठने तक की जगह नहीं है। बीमार गायों का इलाज कम्पाउंडर के भरोसे छोड़ दिया गया है, जिससे उनकी हालत और खराब हो रही है।
संपत्ति लूट और बाजार का खेल
बक्सर जिला गौशाला कांड में गौशाला की जमीन पर बने बाजार और मिलने वाले अनुदान से मोटी कमाई हो रही है। दर्जनों दुकानें चल रही हैं, जिनसे लाखों-करोड़ों की आय होती है, लेकिन यह पैसा गायों की देखभाल में खर्च नहीं हो रहा। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कटरे पर कटरा बनाकर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है, जबकि जरूरतमंदों को दरकिनार कर दिया गया है। यह गौशाला की संपत्ति का दुरुपयोग साफ दर्शाता है।
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कथित समाज सेवियों की भूमिका
गौ सेवा के नाम पर कई कथित समाज सेवी अपनी जेबें गरम करने में लगे हैं। झूठ के पेड़ पर गौ सेवा का ढोंग रचकर वे खुद को बड़़े समाजसेवी के रूप में पेश कर रहे हैं। गौशाला की गंदगी और मरी गायों की स्थिति देखकर भी जिम्मेदार लोग चुप्पी साधे हैं। मीडिया की नजर पड़ते ही मैनेजर और सेवादार रजिस्टर ठीक करने में जुट गए, लेकिन उनके कारनामों पर पर्दा नहीं पड़ सका।
प्रशासन और जिम्मेदारों की चुप्पी
गौशाला के सचिव अनिल मानसिंह ने दावा किया कि बीमार गाय का इलाज डॉक्टर कर रहे हैं और दवा बाहर से मंगाई जा रही है। लेकिन जब मरी गाय के इलाज की जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया। मैनेजर ने भी लिखित हिसाब पेश करने में असमर्थता जताई। कई रसूखदारों ने मीडिया को फोन कर मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
स्थानीय लोगों का गुस्सा
स्थानीय निवासियों का कहना है कि गौशाला की संपत्ति लूटने की होड़ मची है। एक निवासी ने कहा, “गायों की हालत देखकर रूह कांप जाती है, लेकिन साहब खामोश हैं।” लोगों का आरोप है कि कथित समाज सेवी मोटी रकम लेकर गौशाला की जमीन का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इस मामले पर हिंदू धर्म की आस्था का हवाला देकर पर्दा डालने की कोशिशें भी नाकाम रही हैं।
बक्सर जिला गौशाला कांड ने गौ सेवा के नाम पर चल रहे भ्रष्टाचार और लापरवाही को उजागर किया है। गायों की मौत और संपत्ति लूट के इस खेल को रोकने के लिए प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। क्या बक्सर जिला प्रशासन इस जिम्मेदारी को निभाएगा? अधिक जानकारी के लिए बिहार पशुपालन विभाग और हमारी समाचार सेक्शन देखें।
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