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बक्सर-डुमरांव मार्ग: गड्ढों का साम्राज्य, ग्रामीणों की वोट बहिष्कार की चेतावनी

Buxar-Dumraon road
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बक्सर जिला मुख्यालय से डुमरांव को जोड़ने वाली 16 किलोमीटर लंबी सड़क की जर्जर हालत ने स्थानीय लोगों का सब्र तोड़ दिया है। जगह-जगह गड्ढों और जलजमाव के कारण यह मार्ग अब जानलेवा बन चुका है। रोजाना होने वाली दुर्घटनाओं से तंग आकर ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यह सड़क केवल एक रास्ता नहीं, बल्कि हजारों लोगों की जीवनरेखा है। फिर भी, सरकार और जनप्रतिनिधियों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।

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सड़क की बदहाल स्थिति

बक्सर से डुमरांव तक जाने वाली यह सड़क जासो, नदांव (पंचकोशी परिक्रमा का दूसरा पड़ाव नारद आश्रम), और जगदीशपुर जैसे महत्वपूर्ण स्थानों से होकर गुजरती है। यह मार्ग बक्सर-पटना हाईवे के जाम होने पर वैकल्पिक रास्ते के रूप में भी उपयोग होता है। हजारों ट्रक, बसें और अन्य वाहन इस सड़क से रोजाना गुजरते हैं। लेकिन सड़क की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि जगह-जगह गड्ढे और जलजमाव ने इसे खतरनाक बना दिया है।

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खासकर बारिश के मौसम में गड्ढों में पानी भर जाने से स्थिति और गंभीर हो जाती है। बाइक सवार और पैदल राहगीर आए दिन दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। कई बार छोटे-बड़े वाहन गड्ढों में फंसकर पलट जाते हैं, जिससे लोगों को गंभीर चोटें आ रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क अब केवल असुविधा नहीं, बल्कि जानलेवा बन चुकी है।

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ग्रामीणों का गुस्सा और वोट बहिष्कार की चेतावनी

स्थानीय लोगों का गुस्सा अब चरम पर है। उनका कहना है कि वर्षों से इस सड़क की मरम्मत और चौड़ीकरण की मांग की जा रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। ग्रामीणों ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि अगर समय रहते सड़क का स्थायी निर्माण नहीं हुआ, तो वे आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करेंगे। उनका नारा है, “सड़क नहीं तो वोट नहीं”

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ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधियों और प्रशासन ने इस सड़क की अनदेखी की है। वे कहते हैं कि हर बार चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन बाद में कोई कार्रवाई नहीं होती। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हमारी मांगें कोई नई नहीं हैं। सालों से हम सड़क की मरम्मत की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन हर बार केवल अस्थायी समाधान किए जाते हैं। अब हम और इंतजार नहीं करेंगे।”

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सड़क का धार्मिक और रणनीतिक महत्व

यह सड़क केवल एक यातायात मार्ग नहीं है, बल्कि इसका धार्मिक और रणनीतिक महत्व भी है। यह मार्ग विश्व प्रसिद्ध पंचकोशी परिक्रमा के नारद आश्रम, नदांव को जोड़ता है, जो हजारों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। इसके अलावा, जब बक्सर-पटना हाईवे पर जाम लगता है, तो यह सड़क वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग होती है। लेकिन इसकी जर्जर हालत के कारण न केवल स्थानीय लोग परेशान हैं, बल्कि श्रद्धालु और यात्री भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।

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प्रशासन का जवाब

इस मामले में ग्रामीण कार्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि सड़क के गड्ढों को भरने का काम किया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि बारिश और जलजमाव के कारण बार-बार गड्ढे बन रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जैसे ही मौसम अनुकूल होगा, मरम्मत का काम तेजी से शुरू किया जाएगा।

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लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि अस्थायी मरम्मत से काम नहीं चलेगा। उनकी मांग है कि सड़क का चौड़ीकरण और स्थायी निर्माण किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न आएं। वे चाहते हैं कि सरकार इस मार्ग को प्राथमिकता दे और इसे एक सुरक्षित और सुगम रास्ता बनाए।

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ग्रामीणों की मांग और भविष्य की योजना

ग्रामीणों ने साफ तौर पर अपनी मांगें रखी हैं। उनकी प्रमुख मांगें हैं:

  • सड़क का चौड़ीकरण: इस मार्ग को चौड़ा करके इसे अधिक सुरक्षित और सुगम बनाया जाए।
  • स्थायी निर्माण: गड्ढों की अस्थायी मरम्मत के बजाय सड़क का पक्का और टिकाऊ निर्माण किया जाए।
  • जलजमाव का समाधान: बारिश के दौरान जलजमाव को रोकने के लिए नालियों और ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण हो।
  • नियमित रखरखाव: सड़क की नियमित देखरेख और मरम्मत की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे न केवल वोट बहिष्कार करेंगे, बल्कि सड़क पर उतरकर आंदोलन भी करेंगे। उनका कहना है कि यह सड़क उनके जीवन का हिस्सा है, और इसके बिना उनका रोजमर्रा का जीवन प्रभावित हो रहा है।

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बक्सर-डुमरांव मार्ग की जर्जर हालत ने स्थानीय लोगों को आक्रोशित कर दिया है। यह सड़क न केवल यातायात का महत्वपूर्ण साधन है, बल्कि धार्मिक और रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। ग्रामीणों की वोट बहिष्कार की चेतावनी और आंदोलन की धमकी इस बात का संकेत है कि जनता अब और इंतजार करने को तैयार नहीं है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस समस्या का स्थायी समाधान करना होगा, वरना इसका असर आगामी चुनावों में देखने को मिल सकता है। यह समय है कि सरकार इस सड़क को प्राथमिकता दे और बक्सर के लोगों को सुरक्षित और सुगम यात्रा का अधिकार दे।


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