बक्सर, बिहार: 28 जून 2025 को बक्सर में धीरेन्द्र मिश्रा बिदाई समारोह का आयोजन मां मुंडेश्वरी अस्पताल के सैनिक कार्यालय में इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट (आई ई एस एम) बक्सर द्वारा किया गया। यह समारोह पूर्व एसडीएम धीरेन्द्र मिश्रा के सम्मान में आयोजित किया गया, जो बक्सर से भागलपुर में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) के रूप में स्थानांतरित हुए हैं। इस भावपूर्ण विदाई समारोह में सैकड़ों पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिसमें सभी की आंखों में आंसू और दिलों में उनके प्रति सम्मान का भाव स्पष्ट था।

बक्सर में धीरेन्द्र मिश्रा बिदाई समारोह का महत्व
बक्सर में धीरेन्द्र मिश्रा बिदाई समारोह न केवल एक प्रशासनिक अधिकारी की विदाई का अवसर था, बल्कि यह बक्सर के पूर्व सैनिक समुदाय और प्रशासन के बीच गहरे संबंधों का प्रतीक भी था। धीरेन्द्र मिश्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान सैनिकों और उनके परिवारों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनका समाधान किया, जिसके कारण वे बक्सर के सैनिक समुदाय के बीच अत्यंत लोकप्रिय रहे। इस समारोह ने उनके योगदान को सम्मानित करने और उनके साथ बिताए पलों को याद करने का अवसर प्रदान किया।
आई ई एस एम बक्सर के डायरेक्टर डॉ. मेजर पी.के. पाण्डेय और अध्यक्ष सूबेदार हरेंद्र तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में सैनिकों ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। मंच संचालन जिला उपाध्यक्ष सूबेदार विद्या सागर चौबे ने किया, जिन्होंने समारोह को भावनात्मक और गरिमामय बनाए रखा।
आई ई एस एम बक्सर की भूमिका
इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट (आई ई एस एम) बक्सर एक ऐसा संगठन है जो पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए समर्पित है। इस संगठन ने न केवल सैनिकों की समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि सामाजिक और सामुदायिक विकास में भी योगदान दिया है। बक्सर में धीरेन्द्र मिश्रा बिदाई समारोह में आई ई एस एम की एकता और कार्यक्षमता की प्रशंसा की गई।
डॉ. मेजर पी.के. पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा, “आई ई एस एम बक्सर की एकता और समर्पण अद्वितीय है। धीरेन्द्र मिश्रा जी ने हमारे संगठन के साथ मिलकर सैनिकों की हर छोटी-बड़ी समस्या का समाधान किया, जो उनके प्रति हमारे प्रेम और सम्मान का आधार है।”
सैनिकों के प्रति धीरेन्द्र मिश्रा का योगदान
पूर्व एसडीएम धीरेन्द्र मिश्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान सैनिकों और उनके परिवारों की समस्याओं को प्राथमिकता दी। उन्होंने न केवल प्रशासनिक स्तर पर समाधान प्रदान किए, बल्कि व्यक्तिगत रूप से सैनिकों के साथ जुड़कर उनकी परेशानियों को समझा। एक उल्लेखनीय उदाहरण कमलेश चौबे का है, जो एक सैनिक का अनाथ बच्चा था और अज्ञानतावश ट्रेनों में भीख मांगकर जीवनयापन करता था। धीरेन्द्र मिश्रा ने अपनी विशेष पहल से उसे पेंशन दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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अध्यक्ष सूबेदार हरेंद्र तिवारी ने अपने संबोधन में कहा, “धीरेन्द्र मिश्रा जी ने जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान करने में कभी पीछे नहीं हटे। उनका योगदान बक्सर के सैनिक समुदाय के लिए अविस्मरणीय रहेगा।”
आयोजन में शामिल प्रमुख हस्तियां
बक्सर में धीरेन्द्र मिश्रा बिदाई समारोह में कई वरिष्ठ पूर्व सैनिक और वीरांगनाएं शामिल हुईं। आयोजन में उपस्थित प्रमुख हस्तियों में उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट आर.बी. ओझा, कैप्टन संजय पाठक, कैप्टन श्री निवास सिंह, सूबेदार मेजर आर.बी. सिंह, सूबेदार मेजर अलख नारायण श्रीवास्तव, सूबेदार मेजर द्वारिका पाण्डेय, सूबेदार मेजर आई.डी. सिंह, पेटी ऑफिसर सुरेंद्र सिंह, नायब सूबेदार बलि राम मिश्रा, नायब सूबेदार धनंजय दुबे, कैप्टन आर.सी. पाल, सूबेदार मेजर शिवमुनि राय, भरत मिश्रा, राम नाथ सिंह, नायब सूबेदार हरे राम ओझा, नायब सूबेदार धर्म राज त्रिपाठी, राधा मोहन राय, पवन सिंह, चंद्रजीत सिंह, हरिहर सिंह, ललन चौबे, नारद यादव, तारा बाबू, गणेश सिंह, एल.बी. राय, सुरेश सिंह, सुदामा प्रसाद, श्री किशन लाल, उमा शंकर शर्मा, संजय सिंह, वीरांगना रिंकी देवी, उर्मिला देवी, और कौशल्या देवी शामिल थे।
इन सभी ने धीरेन्द्र मिश्रा को अंग वस्त्र, मोमेंटो, बुके, और माल्यार्पण के साथ सम्मानित किया, जिससे समारोह और भी गरिमामय बन गया
धीरेन्द्र मिश्रा का संबोधन और भविष्य की प्रतिबद्धता
अपने विदाई संबोधन में धीरेन्द्र मिश्रा ने भावुक होकर कहा, “बक्सर और आई ई एस एम की एकता और कार्य करने की क्षमता को मैं कभी नहीं भूलूंगा। ऐसा संगठन मुझे कहीं और देखने को नहीं मिला। मैं जहां भी रहूं, बक्सर और इसके सैनिकों के लिए मेरा मार्गदर्शन और सहयोग हमेशा बना रहेगा।”
उन्होंने पीसीडीए (प्रधान निय Ascending-1 नियंत्रक लेखा निदेशक) द्वारा आयोजित स्पर्श जागरूकता कार्यक्रम का भी उल्लेख किया, जहां अधिकारियों ने आई ई एस एम बक्सर की तरह संगठनों की सराहना की थी। मिश्रा ने कहा कि यदि देश के सभी सैनिक संगठन इस तरह समर्पित हों, तो कोई भी सैनिक अपने कल्याण से वंचित नहीं रहेगा।
समारोह का अंत “भारत माता की जय” और “धीरेन्द्र मिश्रा जिंदाबाद” के गगनभेदी नारों के साथ हुआ। सैनिकों ने धीरेन्द्र मिश्रा को गोद में उठाकर उनकी गाड़ी तक पहुंचाया, जो उनके प्रति सैनिक समुदाय के प्रेम और सम्मान का प्रतीक था।
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