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बिहार में बढ़ते अपराधों पर युवा कांग्रेस का हल्ला बोल: 12 जून को राज्यव्यापी धरना, सरकार पर निशाना

Bihar Youth Congress Protest 2025 Pankaj Upadhyay
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बिहार में लूट, हत्या, और बलात्कार जैसी आपराधिक घटनाओं की बढ़ती संख्या ने जनता के बीच भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। इस स्थिति से नाराज बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है। रविवार को पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश महासचिव पंकज उपाध्याय ने ऐलान किया कि 12 जून 2025 को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर युवा कांग्रेस कार्यकर्ता धरना-प्रदर्शन करेंगे।

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बिहार में अपराध का बढ़ता ग्राफ

बिहार में हाल के महीनों में गंभीर अपराधों की घटनाएँ बढ़ी हैं। हत्या, लूट, बलात्कार, और अपहरण की वारदातों ने जनता में डर का माहौल बना दिया है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग दिन के उजाले में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। शहरों में छिनतई और डकैती की घटनाएँ आम हो गई हैं। युवा कांग्रेस का कहना है कि नीतीश सरकार की निष्क्रियता ने अपराधियों के हौसले बुलंद कर दिए हैं, जिससे बिहार एक बार फिर “जंगलराज” की ओर बढ़ता दिख रहा है।

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12 जून को युवा कांग्रेस का धरना

बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस ने बिगड़ती कानून-व्यवस्था के खिलाफ 12 जून 2025 को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन का आह्वान किया है। यह विरोध सरकार की “अपराध नियंत्रण में विफलता” और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकामी को उजागर करने के लिए है। पंकज उपाध्याय ने कहा कि यह धरना बिहार के युवाओं का आक्रोश दर्शाएगा और सरकार को जवाबदेही के लिए मजबूर करेगा। यह आंदोलन 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले जनता को लामबंद करने की रणनीति का हिस्सा है।

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पंकज उपाध्याय का सरकार पर हमला

प्रदेश महासचिव पंकज उपाध्याय ने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “बिहार में अपराधी बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं, और सरकार चुप्पी साधे हुए है। जनता भय के साये में जी रही है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।” उन्होंने सरकार के “सुशासन” के दावों को खोखला बताते हुए कहा कि युवा कांग्रेस अब सड़कों पर उतरकर जनता की आवाज बनेगी। उपाध्याय ने चेतावनी दी कि 12 जून का धरना केवल शुरुआत है, और आगामी चुनाव में यह सरकार सत्ता से बेदखल होगी।

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हाल की आपराधिक घटनाएँ: राम सिंह चौधरी

जिला युवा कांग्रेस प्रभारी राम सिंह चौधरी ने हाल की कई आपराधिक घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि बिहार के विभिन्न जिलों में हत्या, सामूहिक बलात्कार, लूट, और अपहरण की घटनाएँ बढ़ी हैं। कई मामलों में पुलिस ने न तो आरोपियों को पकड़ा है, न ही पीड़ितों को न्याय मिला है। चौधरी ने कहा, “सरकार की उदासीनता ने अपराधियों को संरक्षण दिया है। बिहार की जनता अब और सहन नहीं करेगी।” उन्होंने पुलिस प्रशासन की जवाबदेही की कमी पर भी सवाल उठाए।

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माँगें: आशुतोष त्रिपाठी की अपील

युवा कांग्रेस नेता आशुतोष त्रिपाठी ने सरकार से तत्काल कदम उठाने की माँग की। उनकी प्रमुख माँगें हैं:

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  • अपराधियों की तुरंत गिरफ्तारी और कठोर सजा।
  • पुलिस प्रशासन में सुधार और जवाबदेही तय करना।
  • नागरिकों की सुरक्षा के लिए विशेष अभियान शुरू करना।
  • प्रत्येक जिले में अपराध नियंत्रण के लिए टास्क फोर्स का गठन।

त्रिपाठी ने कहा कि बिहार की जनता डर में जी रही है, और सरकार की नाकामी अस्वीकार्य है। इन माँगों को लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है।

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राजनीतिक मायने: 2025 विधानसभा चुनाव

युवा कांग्रेस का यह आंदोलन 2025 विधानसभा चुनाव से पहले महत्वपूर्ण है। बिहार में युवा मतदाता और कानून-व्यवस्था के मुद्दे चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं। नीतीश कुमार की “सुशासन” की छवि पहले से ही विपक्ष के निशाने पर है, और यह विरोध इसे और नुकसान पहुँचा सकता है। अगर 12 जून का धरना व्यापक होता है, तो यह विपक्षी दलों को एकजुट करने और जनता के बीच असंतोष को भुनाने का अवसर दे सकता है।

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नेता

प्रेस कॉन्फ्रेंस में लक्ष्मण उपाध्याय (जिला कार्यकारी अध्यक्ष), अलोक पासवान (जिला उपाध्यक्ष), प्रभात कुमार, राजा तिवारी, और अन्य युवा कांग्रेस नेता शामिल थे। इन नेताओं ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ आंदोलन को तेज करने का वादा किया। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस युवा कांग्रेस की संगठनात्मक ताकत और बिहार में उनकी सक्रियता को दर्शाती है।

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12 जून 2025 को होने वाला बिहार युवा कांग्रेस का राज्यव्यापी धरना बिहार की बिगड़ती कानून-व्यवस्था के खिलाफ जनता के गुस्से को व्यक्त करेगा। यह आंदोलन नीतीश सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है और 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष की रणनीति का हिस्सा है। अगर यह धरना प्रभावशाली होता है, तो यह बिहार की राजनीति में नए समीकरण बना सकता है। बिहार की जनता की नजर अब इस आंदोलन के परिणामों पर टिकी है।

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