बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन के रिकॉर्ड में अशुद्धियों को ठीक करने के लिए एक विशेष पहल शुरू की है। इस पहल का नाम है राजस्व महा-अभियान 2025, जिसका उद्देश्य हर घर और पंचायत तक पहुंचकर भूमि संबंधी दस्तावेजों की गलतियों को सुधारना है। यह अभियान बिहार के उन सभी नागरिकों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो अपनी जमीन के कागजात को सही और अद्यतन करना चाहते हैं। यह पहल न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को आसान बनाएगी, बल्कि लोगों को उनके कानूनी अधिकारों को सुरक्षित करने में भी मदद करेगी।

राजस्व महा-अभियान 2025: उद्देश्य और महत्व
बिहार सरकार का राजस्व महा-अभियान 2025 एक अनूठी पहल है, जिसका मुख्य लक्ष्य जमीन के रिकॉर्ड (अभिलेख) में मौजूद गलतियों को ठीक करना है। कई बार जमाबंदी, खाता, खेसरा, रकबा या लगान जैसे दस्तावेजों में त्रुटियां हो जाती हैं, जिसके कारण लोगों को अपने अधिकारों को साबित करने में परेशानी होती है। इस अभियान के जरिए सरकार इन समस्याओं का समाधान सीधे लोगों के घर और पंचायत तक पहुंचकर करेगी।
इस अभियान का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह जमीन से जुड़े विवादों को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने में मदद करेगा। बिहार में लाखों लोग जमीन के कागजात में त्रुटियों के कारण परेशान रहते हैं। यह अभियान न केवल इन त्रुटियों को सुधारने का अवसर देगा, बल्कि डिजिटल और ऑनलाइन प्रणाली को और मजबूत करेगा।
अभियान की अवधि और प्रक्रिया
राजस्व महा-अभियान 16 अगस्त 2025 से शुरू हो चुका है और 20 सितंबर 2025 तक चलेगा। इस दौरान सरकार ने दो चरणों में काम करने की योजना बनाई है:
- घर-घर संपर्क (16 अगस्त से 15 सितंबर 2025):
इस चरण में राजस्व विभाग की टीमें हर घर तक पहुंचेंगी। वे डिजिटाइज्ड जमाबंदी की प्रति और आवश्यक आवेदन प्रपत्र वितरित करेंगी। अगर जमाबंदी में कोई गलती पाई जाती है, तो लोग उसी समय आवेदन दे सकते हैं। यह प्रक्रिया लोगों को अपने कागजात जांचने और सुधार के लिए आवेदन करने का मौका देगी। - पंचायत स्तर पर शिविर (19 अगस्त से 20 सितंबर 2025):
इस चरण में पंचायत भवनों या अन्य सरकारी इमारतों में विशेष शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में राजस्व कर्मचारी लैपटॉप के साथ मौजूद रहेंगे। लोग अपने भरे हुए आवेदन और जरूरी दस्तावेज जमा कर सकेंगे। आवेदन जमा करने पर OTP आधारित ऑनलाइन रसीद दी जाएगी। त्रुटियों की जांच के बाद, दस्तावेजों के आधार पर सुधार किया जाएगा और अपडेटेड जमाबंदी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
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इस अभियान में क्या-क्या सुधार हो सकते हैं?
राजस्व महा-अभियान 2025 के तहत निम्नलिखित समस्याओं का समाधान किया जाएगा:
- डिजिटाइज्ड जमाबंदी में त्रुटि सुधार: नाम, खाता, खेसरा, रकबा और लगान से संबंधित गलतियों को ठीक करना।
- उत्तराधिकार नामांतरण: अगर जमाबंदी रैयत की मृत्यु हो चुकी है, तो उनके उत्तराधिकारियों के नाम पर वंशावली के आधार पर जमाबंदी दर्ज की जाएगी। इसके लिए मृत्यु प्रमाणपत्र और वंशावली जैसे दस्तावेज जरूरी होंगे।
- बंटवारा नामांतरण: संयुक्त जमाबंदी को आपसी सहमति, रजिस्टर्ड दस्तावेज या कोर्ट के आदेश के आधार पर हिस्सेदारों के नाम पर अलग-अलग जमाबंदी में बांटा जाएगा।
- छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करना: ऑफलाइन जमाबंदी को डिजिटाइज्ड प्रणाली में शामिल करना।
यह अभियान उन सभी लोगों के लिए फायदेमंद है, जो अपनी जमीन के कागजात को सही और अपडेट करना चाहते हैं।
लोगों के लिए सुविधा और सहभागिता
राजस्व महा-अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने कई विभागों के साथ समन्वय किया है। ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मिलकर इस अभियान को गति दे रहे हैं। इसके अलावा, आंगनवाड़ी सेविकाएं, टोला सेवक, और CSC कर्मचारी भी इस अभियान में सहयोग कर रहे हैं।

स्थानीय स्तर पर मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, और पंचायत सचिव लोगों को शिविरों की तारीख और स्थान की जानकारी देंगे। लोग बिहार भूमि पोर्टल (biharbhumiplus.bihar.gov.in) पर जाकर भी अपने क्षेत्र में शिविर की स्थिति देख सकते हैं।
तकनीकी सहायता और ऑनलाइन सुविधाएं
इस अभियान में तकनीक का भी भरपूर उपयोग किया जा रहा है। लोग बिहार भूमि पोर्टल पर जाकर निम्नलिखित सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं:
- ऑनलाइन जमाबंदी देखना।
- आवेदन प्रपत्र डाउनलोड करना।
- शिविर की स्थिति और तारीख की जानकारी।
- ऑनलाइन दाखिल-खारिज और परिमार्जन प्लस आवेदन की स्थिति जांचना।
इसके अलावा, परिमार्जन प्लस पोर्टल के जरिए पुरानी जमाबंदी में त्रुटियों को ठीक करने और छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करने की सुविधा उपलब्ध है। यह डिजिटल पहल प्रक्रिया को और पारदर्शी और तेज बनाएगी।
बिहार सरकार की प्रतिबद्धता
बिहार सरकार ने इस अभियान को जन-केंद्रित बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। यह पहल न केवल जमीन के रिकॉर्ड को सुधारने का काम करेगी, बल्कि लोगों को उनके संपत्ति के अधिकारों को सुरक्षित करने में भी मदद करेगी। सरकार का लक्ष्य है कि हर व्यक्ति को अपनी जमीन का सही और अपडेटेड रिकॉर्ड मिले, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।

बिहार सरकार का राजस्व महा-अभियान 2025 जमीन के कागजात में सुधार के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। 16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक चलने वाला यह अभियान हर घर और पंचायत तक पहुंचकर लोगों की समस्याओं का समाधान करेगा। डिजिटाइज्ड जमाबंदी में त्रुटि सुधार, उत्तराधिकार नामांतरण, बंटवारा, और ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने की सुविधा इस अभियान को खास बनाती है।
यह पहल न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को आसान बनाएगी, बल्कि लोगों के बीच भरोसा भी बढ़ाएगी। बिहार के हर नागरिक के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, जिसके जरिए वे अपनी जमीन के कागजात को सही कर सकते हैं। क्या यह अभियान बिहार में भूमि विवादों को खत्म करने में मील का पत्थर साबित होगा? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में है, जो इस अभियान का हिस्सा बनने जा रहा है।
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