बक्सर जिला पुलिस ने नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ एक बड़ी जीत हासिल की है। पुलिस ने एक विशेष अभियान में 2.5 करोड़ रुपये से अधिक की हेरोइन जब्त की और चार लोगों को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई बक्सर में ड्रग तस्करी के खिलाफ पुलिस की सख्ती और समुदाय को सुरक्षित रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस ऑपरेशन ने न केवल एक बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया, बल्कि क्षेत्र में नशे के कारोबार पर भी करारा प्रहार किया।

जब्त की गई हेरोइन और उसका महत्व
बक्सर पुलिस ने इस अभियान में कुल 2 किलो 311.5 ग्राम हेरोइन जब्त की, जिसकी अनुमानित बाजार कीमत 2.5 करोड़ रुपये से अधिक है। यह एक बड़ी मात्रा है, जो ड्रग तस्करों के लिए भारी नुकसान का कारण बनी। इतनी बड़ी मात्रा में हेरोइन की बरामदगी से पता चलता है कि यह तस्करी का एक संगठित और बड़े पैमाने का नेटवर्क था। इस कार्रवाई ने नशे के अवैध कारोबार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इसके साथ ही, पुलिस ने एक कार, एक इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन, और कई मोबाइल फोन भी जब्त किए, जो तस्करी के इस नेटवर्क से जुड़े थे। यह बरामदगी पुलिस की सटीक और प्रभावी कार्रवाई का परिणाम है।
अभियान की शुरुआत: गुप्त सूचना और विशेष जांच दल
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि डुमरांव के साउथ टोला इलाके में ड्रग तस्करी हो रही है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। यह सूचना इतनी सटीक थी कि इसमें संदिग्धों के नाम और उनके ठिकानों की जानकारी भी शामिल थी।
पुलिस नेतृत्व ने इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। इस दल में पुलिस अधिकारी और सिविल डिपार्टमेंट के कर्मचारी शामिल थे। SIT का मिशन स्पष्ट था: सूचना की पुष्टि करना और तस्करों को पकड़ना।
पहला चरण: साउथ टोला में छापेमारी और गिरफ्तारी
SIT ने तुरंत डुमरांव के साउथ टोला इलाके में छापेमारी शुरू की। इस कार्रवाई में उनकी रणनीति सटीक और तेज थी। छापेमारी के दौरान पुलिस ने उमेश राय और उनके बेटे गोलू राय को गिरफ्तार किया। ये दोनों ड्रग तस्करी में शामिल पाए गए।
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उमेश और गोलू के कब्जे से पुलिस ने 73 छोटे पैकेट हेरोइन के बरामद किए, जिनमें से प्रत्येक का वजन करीब 5.5 ग्राम था। इसके अलावा, 8,500 रुपये नकद भी जब्त किए गए, जो संभवतः हाल की ड्रग बिक्री से प्राप्त हुए थे। यह बरामदगी इस बात का सबूत थी कि ये दोनों सक्रिय रूप से तस्करी में लिप्त थे।
नेटवर्क का विस्तार: एकनी गांव में कार्रवाई
उमेश और गोलू से पूछताछ के दौरान पुलिस को एकनी गांव में एक प्रमुख सप्लायर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली। इस सप्लायर का नाम नारायण उपाध्याय था, जो उमेश और गोलू को ड्रग्स की आपूर्ति करता था। इस जानकारी ने जांच के दायरे को और विस्तृत किया।

पुलिस ने तुरंत एकनी गांव में कार्रवाई शुरू की। जब पुलिस नारायण उपाध्याय के पास पहुंची, तो उसने एक सफेद कार में भागने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने NDPS एक्ट के तहत सेक्शन 51 का नोटिस जारी कर उसे रोका और गिरफ्तार किया। नारायण के घर की तलाशी में भारी मात्रा में हेरोइन बरामद हुई। इसके साथ ही, पुलिस ने नारायण की पत्नी को भी गिरफ्तार किया, जो इस तस्करी के नेटवर्क को चलाने में शामिल थी।
तस्करी का नेटवर्क और गिरफ्तार व्यक्तियों का आपराधिक इतिहास
इस अभियान ने एक बड़े ड्रग तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया। पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क न केवल बक्सर तक सीमित था, बल्कि इसके तार अंतरराज्यीय स्तर पर भी जुड़े हो सकते हैं। जब्त किए गए सामान, जैसे कार, इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन, और मोबाइल फोन, इस नेटवर्क की संगठित प्रकृति को दर्शाते हैं।

गिरफ्तार चार व्यक्तियों में शामिल हैं:
- उमेश राय: पहले से ड्रग तस्करी के मामले में लिप्त।
- गोलू राय: उमेश का बेटा, तस्करी में सहयोगी।
- नारायण उपाध्याय: इस नेटवर्क का प्रमुख सप्लायर, जिसके खिलाफ पहले से पांच मामले दर्ज हैं। इनमें प्रोहिबिशन एक्ट, सेक्शन 354B, और आर्म्स एक्ट से संबंधित मामले शामिल हैं।
- नारायण की पत्नी: तस्करी के संचालन में घर से सहायता करने वाली।
इन व्यक्तियों का आपराधिक इतिहास इस बात का सबूत है कि यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था।
चल रही जांच और भविष्य की संभावनाएं
पुलिस इस मामले की जांच को और गहरा कर रही है। वे ड्रग्स के स्रोत और उनकी आपूर्ति की दिशा का पता लगाने में जुटे हैं। पुलिस का मानना है कि इस नेटवर्क के तार बिहार के बाहर अन्य राज्यों तक जा सकते हैं। जांच में आगे और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
पुलिस ने यह भी घोषणा की कि वे गिरफ्तार व्यक्तियों की संपत्ति की जांच करेंगे। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या उनकी संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित की गई थी। इसके अलावा, आगामी चुनावों को देखते हुए पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस तस्करी का कोई राजनीतिक संबंध है।
पुलिस की प्रशंसा और प्रोत्साहन
इस अभियान में शामिल पुलिस कर्मियों की मेहनत और समर्पण की वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहना की है। यह ऑपरेशन बक्सर पुलिस की दक्षता और नशे के खिलाफ उनकी जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है। वरिष्ठ अधिकारियों ने संकेत दिया है कि इस सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अधिकारियों को पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई ने नशे के अवैध कारोबार पर करारा प्रहार किया है। 2 किलो 311.5 ग्राम हेरोइन, जिसकी कीमत 2.5 करोड़ रुपये से अधिक है, की बरामदगी और चार लोगों की गिरफ्तारी इस बात का सबूत है कि पुलिस नशे के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ रही। उमेश राय, गोलू राय, नारायण उपाध्याय, और उनकी पत्नी की गिरफ्तारी ने इस नेटवर्क के एक बड़े हिस्से को उजागर किया है।
पुलिस की यह कार्रवाई न केवल बक्सर के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक मिसाल है। चल रही जांच से और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। क्या यह अभियान नशे के पूरे नेटवर्क को खत्म कर पाएगा? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में है, जो बक्सर को नशामुक्त और सुरक्षित देखना चाहता है।
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