बिहार के बक्सर जिले के अहियापुर हत्याकांड में शुक्रवार को बड़ी खबर सामने आई, जब दो अभियुक्तों—वीरेंद्र सिंह यादव और उनके बेटे संदीप सिंह यादव—ने बक्सर व्यवहार न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस की लगातार छापेमारी और बुलडोजर एक्शन के दबाव में अब तक इस मामले में कुल 12 अभियुक्त सलाखों के पीछे पहुँच चुके हैं।

अहियापुर ट्रिपल मर्डर केस में 20 जून 2025 को वीरेंद्र सिंह यादव, पिता- जगनारायण सिंह यादव, और उनके बेटे संदीप सिंह यादव, पिता- वीरेंद्र सिंह यादव, ने बक्सर व्यवहार न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। राजपुर थानाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश सिंह की सख्ती और बुलडोजर एक्शन के डर से दोनों ने सरेंडर का रास्ता चुना। इस हत्याकांड में अब तक 12 अभियुक्त या तो गिरफ्तार हो चुके हैं या कोर्ट में सरेंडर कर चुके हैं।
आत्मसमर्पण: वीरेंद्र और संदीप यादव
शुक्रवार को वीरेंद्र सिंह यादव और संदीप सिंह यादव, जो रिश्ते में पिता-पुत्र हैं, को उनके अधिवक्ताओं ने बक्सर व्यवहार न्यायालय में पेश किया। दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सूत्रों के अनुसार, पुलिस इनके घर पर कुर्की-जब्ती और बुलडोजर कार्रवाई शुरू करने वाली थी, जिसके डर से दोनों ने आत्मसमर्पण किया। इस मामले में वीरेंद्र के 80 वर्षीय पिता जगनारायण सिंह यादव भी नामजद हैं, जो अभी फरार हैं।
हत्याकांड का विवरण: बालू विवाद से नरसंहार
24 मई 2025 को राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गाँव में बालू की गाड़ी रखने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ। यह विवाद इतना बढ़ा कि हथियारबंद अपराधियों ने एक पक्ष पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई और दो अन्य घायल हुए। पीड़ित परिवार ने पूर्व जिला परिषद चेयरमैन प्रतिनिधि मनोज यादव, संतोष यादव, कुणाल यादव, सहित 19 नामजद और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई। इस घटना ने गाँव में तनाव और दहशत का माहौल पैदा कर दिया।
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पुलिस की कार्रवाई: बुलडोजर और छापेमारी
हत्याकांड के बाद पुलिस प्रशासन पर सवाल उठे, जिसके जवाब में एसपी शुभम आर्य ने त्वरित कार्रवाई की। पुलिस ने कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया शुरू की, जिसमें मनोज यादव और संतोष यादव के घरों पर बुलडोजर चलाया गया। थानाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश सिंह ने फरार अभियुक्तों—वीरेंद्र सिंह, शिवम सिंह, विकास सिंह, संदीप कुमार, उमेश यादव, और रामप्रवेश कुशवाहा—के घरों पर इश्तेहार चस्पा किए और छापेमारी तेज की। कोर्ट की धारा 82 के तहत यह कार्रवाई की गई, और गैर-जमानती वारंट जारी हुए।
थानाध्यक्ष का बदलाव: सस्पेंशन और नई कमान
हत्याकांड के बाद राजपुर थानाध्यक्ष सन्तोष कुमार को लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया। उनकी जगह धनसोई थानाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश सिंह को राजपुर थाने की कमान सौंपी गई। ज्ञान प्रकाश सिंह ने आते ही अभियुक्तों पर शिकंजा कसा, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 12 अभियुक्त या तो गिरफ्तार हुए या सरेंडर कर चुके हैं। पुलिस ने हत्याकांड में इस्तेमाल स्कॉर्पियो वाहन को भी कोचस थाना क्षेत्र से बरामद किया।
न्यायालय की भूमिका: 12 अभियुक्त हिरासत में
अहियापुर हत्याकांड में अब तक 12 अभियुक्त सलाखों के पीछे हैं। मनोज यादव, संतोष यादव, और बटेश्वर यादव ने 2 जून को सरेंडर किया था। महेंद्र यादव और सलीम अंसारी ने 30 मई को आत्मसमर्पण किया। ओमप्रकाश सिंह और मोतीलाल पांडेय को पुलिस ने गिरफ्तार किया। ताजा आत्मसमर्पण में वीरेंद्र और संदीप यादव शामिल हैं। सभी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, और पुलिस रिमांड पर पूछताछ कर रही है, हालाँकि हथियार अभी तक बरामद नहीं हुए।
अहियापुर हत्याकांड ने बक्सर में कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए थे, लेकिन एसपी शुभम आर्य और थानाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश सिंह की सख्ती से अभियुक्तों पर शिकंजा कसा जा रहा है। बुलडोजर एक्शन और कुर्की-जब्ती ने फरार आरोपियों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया है। पीड़ित परिवार और गाँववाले अब न्याय की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन अभी भी 7 नामजद अभियुक्त फरार हैं। पुलिस की चुनौती बाकी आरोपियों को पकड़ने और हथियार बरामद करने की है।
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