बक्सर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र में हुए सनसनीखेज अहियापुर तिहरे हत्याकांड बक्सर 2025 ने पूरे बिहार को हिला दिया था। इस मामले में पुलिस की सख्ती और लगातार कुर्की-जब्ती की कार्रवाई का असर अब साफ दिखाई दे रहा है। बुधवार को दो और आरोपियों, राजवीर यादव और कुणाल सिंह, ने सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों ने जमानत याचिका दाखिल नहीं की, जिसके चलते अदालत ने उन्हें सीधे न्यायिक हिरासत में बक्सर केंद्रीय कारा भेज दिया। इस हत्याकांड में अब तक 14 आरोपी जेल जा चुके हैं, जबकि 8 अभी भी फरार हैं।

अहियापुर तिहरे हत्याकांड बक्सर 2025: क्या हुआ था?
26 मई 2025 को बक्सर के अहियापुर गाँव में बालू के अवैध खनन को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। हथियारबंद हमलावरों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें तीन युवकों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में गाँव के ही निवासी शामिल थे, जिनके नाम पुलिस ने गोपनीय रखे हैं। इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया, बल्कि पूरे बिहार में आक्रोश फैल गया। पीड़ित परिवार ने पूर्व जिला परिषद चेयरमैन प्रतिनिधि मनोज यादव, संतोष यादव, कुणाल सिंह, और अन्य सहित 19 नामजद और 3 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ राजपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। यह मामला बिहार में अवैध खनन और आपराधिक गतिविधियों की गंभीरता को उजागर करता है।
राजवीर यादव और कुणाल सिंह का आत्मसमर्पण
25 जून 2025 को अहियापुर तिहरे हत्याकांड बक्सर 2025 के दो प्रमुख आरोपियों, राजवीर यादव (संतोष कुमार यादव का पुत्र) और कुणाल सिंह (मनोज सिंह का पुत्र), ने बक्सर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में आत्मसमर्पण किया। दोनों ने केवल समर्पण आवेदन दाखिल किया और जमानत की याचिका नहीं दी। परिणामस्वरूप, अदालत ने तत्काल प्रभाव से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सूत्रों के अनुसार, दोनों के घरों पर पुलिस ने पहले ही कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, जिसने उन्हें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया। राजपुर थानाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश सिंह ने बताया कि यह कार्रवाई पुलिस की सख्ती का नतीजा है।
पुलिस की सख्ती: कुर्की और बुलडोजर की चेतावनी
अहियापुर तिहरे हत्याकांड बक्सर 2025 के बाद बक्सर पुलिस ने त्वरित और सख्त कार्रवाई शुरू की। घटना के बाद तत्कालीन राजपुर थानाध्यक्ष संतोष कुमार को निलंबित कर दिया गया और उनकी जगह ज्ञान प्रकाश सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई। पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य के नेतृत्व में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। पुलिस ने कई आरोपियों के घरों पर इश्तेहार चिपकाए और कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया शुरू की। इसके अलावा, बुलडोजर एक्शन की चेतावनी ने फरार आरोपियों पर दबाव बढ़ाया। गुरुवार को विकास यादव और शिवम यादव के घरों पर कुर्की की कार्रवाई हो चुकी है, जिसके बाद राजवीर और कुणाल ने आत्मसमर्पण का रास्ता चुना।
अब तक की कार्रवाई: 14 आरोपी जेल में
अहियापुर तिहरे हत्याकांड बक्सर 2025 में अब तक कुल 19 नामजद और 3 अज्ञात आरोपियों में से 14 जेल जा चुके हैं। इनमें से 7 ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया, जबकि 4 को पुलिस ने दबिश देकर गिरफ्तार किया। राजवीर यादव और कुणाल सिंह के आत्मसमर्पण के बाद यह संख्या बढ़कर 14 हो गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में वीरेंद्र सिंह यादव और उनके बेटे संदीप यादव ने भी पहले आत्मसमर्पण किया था। हालांकि, वीरेंद्र सिंह के पिता जगनारायण यादव अभी भी फरार हैं। पुलिस ने बताया कि बाकी 8 फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी तेज कर दी गई है।
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सामाजिक और कानूनी प्रभाव
अहियापुर तिहरे हत्याकांड बक्सर 2025 ने न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी गहरा प्रभाव डाला है। बिहार में अवैध बालू खनन से जुड़े विवादों ने पहले भी कई हिंसक घटनाओं को जन्म दिया है। यह हत्याकांड स्थानीय समुदाय में डर और आक्रोश का कारण बना है। सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं, जहाँ कुछ यूजर्स ने पुलिस की सख्ती की तारीफ की, तो कुछ ने अवैध खनन पर रोक लगाने में प्रशासन की नाकामी पर सवाल उठाए। एक यूजर ने लिखा, “बक्सर में बालू माफिया का आतंक कब रुकेगा?” इस घटना ने स्थानीय प्रशासन पर अवैध गतिविधियों पर सख्ती बरतने का दबाव बढ़ा दिया है।
फरार आरोपियों की तलाश में दबिश जारी
पुलिस के अनुसार, अहियापुर तिहरे हत्याकांड बक्सर 2025 में शामिल 8 फरार आरोपी अभी भी पकड़ से बाहर हैं। इनमें से कुछ के ठिकानों का पता लगाने के लिए पुलिस ने गुप्त सूचनाओं का सहारा लिया है। थानाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश सिंह ने बताया कि फरार आरोपियों के खिलाफ कुर्की-जब्ती और इश्तेहार की प्रक्रिया जारी है। पुलिस को उम्मीद है कि बुलडोजर एक्शन की चेतावनी और लगातार दबिश से बाकी आरोपी भी जल्द आत्मसमर्पण करेंगे। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी साझा करें।
अहियापुर तिहरे हत्याकांड बक्सर 2025 ने बक्सर के सामाजिक और कानूनी परिदृश्य पर गहरा प्रभाव डाला है। राजवीर यादव और कुणाल सिंह का आत्मसमर्पण पुलिस की सख्ती और कुर्की-जब्ती की कार्रवाई का परिणाम है। यह घटना बिहार में अवैध खनन और आपराधिक गतिविधियों की गंभीरता को उजागर करती है। बक्सर पुलिस की सक्रियता और स्थानीय समुदाय का सहयोग इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। बाकी फरार आरोपियों की गिरफ्तारी और इस मामले का अंतिम निपटारा बक्सर के लोगों के लिए राहत और विश्वास का प्रतीक होगा।
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