अहियापुर हत्याकांड, जिसने बक्सर जिले को दहला दिया था, में एक नया मोड़ आया है। सोमवार की सुबह तीन नामजद प्रमुख आरोपियों – मनोज सिंह यादव, संजय कुमार उर्फ संतोष यादव, और बटेश्वर यादव – ने बक्सर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। यह घटना पुलिस की सख्ती और लगातार दबाव का परिणाम मानी जा रही है।

अहियापुर हत्याकांड की शुरुआत 24 मई 2025 को बक्सर के राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गांव में हुई। एक मामूली विवाद, जिसमें बालू की गाड़ी खड़ी करने को लेकर दो पक्षों में तनातनी हुई, ने खूनी रूप ले लिया। इस झड़प में एक पक्ष ने ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें तीन लोगों – बिनोद सिंह यादव, सुनील सिंह यादव, और वीरेंद्र सिंह यादव – की मौके पर मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए।
पुलिस ने इस मामले में 19 नामजद और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। मनोज सिंह यादव को इस हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता माना गया, जबकि संजय कुमार उर्फ संतोष यादव और बटेश्वर यादव भी प्रमुख आरोपी थे। इस घटना ने अहियापुर गांव में तनाव का माहौल पैदा कर दिया, और ग्रामीणों ने शवों को सड़क पर रखकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। ईटीवी भारत की खबर के मुताबिक, ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री और डीआईजी के आने की मांग की थी।
तीन आरोपियों का आत्मसमर्पण: कोर्ट में क्या हुआ?
2 जून 2025 की सुबह अहियापुर हत्याकांड के तीन प्रमुख आरोपियों – मनोज सिंह यादव, संजय कुमार उर्फ संतोष यादव, और बटेश्वर यादव – ने बक्सर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस को इसकी भनक पहले से थी, और मेन गेट पर पुलिस की टीमें तैनात थीं। हालांकि, तीनों आरोपी अपने अधिवक्ता के साथ कोर्ट परिसर के पिछले गेट से दाखिल हुए और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष समर्पण कर दिया।
यह आत्मसमर्पण पुलिस की सख्त कार्रवाई और लगातार छापेमारी का नतीजा माना जा रहा है। पुलिस ने पहले ही मनोज यादव के घर पर बुलडोजर चलाकर कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की थी, जिसने आरोपियों पर दबाव बढ़ाया। आत्मसमर्पण की खबर ने फरार अभियुक्तों में हड़कंप मचा दिया है, और पुलिस अब अन्य संदिग्धों की तलाश में और तेजी से काम कर रही है।
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पुलिस की सख्ती: एसपी शुभम आर्य का रोल
बक्सर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शुभम आर्य ने अहियापुर हत्याकांड को गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई शुरू की। उनकी अगुवाई में पुलिस ने अहियापुर और आसपास के गांवों में छापेमारी की, संदिग्धों से पूछताछ की, और कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया शुरू की। 29 मई को मनोज यादव के घर पर बुलडोजर चलाया गया, और उनके घर के दरवाजे-खिड़कियां तोड़ी गईं।
एसपी शुभम आर्य ने स्पष्ट किया कि कोर्ट के निर्देश पर कुर्की की कार्रवाई की जा रही है, और सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण करने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। उनकी यह सख्ती न केवल इस हत्याकांड में, बल्कि बक्सर के अन्य अपराधों पर भी प्रभावी साबित हो रही है। पुलिस की इस “बुलडोजर एक्शन” ने अपराधियों में खौफ पैदा किया है।
पुलिस ने पहले ही एक आरोपी, ओम प्रकाश सिंह, को गिरफ्तार किया था, और अब तीन प्रमुख आरोपियों के आत्मसमर्पण से जांच को और गति मिलने की उम्मीद है।
फरार अभियुक्तों पर क्या है अपडेट?
अहियापुर हत्याकांड में मनोज, संतोष, और बटेश्वर के आत्मसमर्पण के बावजूद, कई अन्य नामजद और अज्ञात अभियुक्त अभी भी फरार हैं। पुलिस ने इनकी तलाश के लिए विशेष टीमें गठित की हैं, जो बक्सर और आसपास के जिलों में छापेमारी कर रही हैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की सूचना के आधार पर कई संदिग्धों की पहचान की है।
एसपी शुभम आर्य ने आश्वासन दिया है कि सभी आरोपियों को जल्द ही कानून के शिकंजे में लाया जाएगा। स्थानीय समुदाय से भी सहयोग की अपील की गई है, ताकि फरार अभियुक्तों की जानकारी मिल सके। इस बीच, पुलिस की सख्ती ने अन्य अपराधियों में भी डर पैदा किया है, जिससे बक्सर में अपराध की घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है।

समुदाय की प्रतिक्रिया और सामाजिक प्रभाव
अहियापुर हत्याकांड ने बक्सर के सामाजिक ताने-बाने को झकझोर कर रख दिया। घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल था, और ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने विशनपुर मुख्य मार्ग पर शव रखकर प्रदर्शन किया और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
मनोज, संतोष, और बटेश्वर के आत्मसमर्पण ने स्थानीय समुदाय में कुछ हद तक राहत दी है। अहियापुर के निवासी रामजी यादव ने कहा, “पुलिस की कार्रवाई से हमें उम्मीद जगी है कि न्याय मिलेगा। लेकिन सभी दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।”
अहियापुर हत्याकांड में तीन प्रमुख आरोपियों का आत्मसमर्पण बक्सर पुलिस की सख्ती और एसपी शुभम आर्य की रणनीति की जीत है। यह कदम न केवल इस मामले में न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है, बल्कि बक्सर में कानून व्यवस्था को मजबूत करने का संदेश भी देता है। हालांकि, फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी अभी बाकी है, और पूर्ण न्याय के लिए यह जरूरी है कि सभी दोषियों को सजा मिले।
बक्सर पुलिस की सक्रियता और समुदाय का सहयोग इस पौराणिक नगर को फिर से शांति की ओर ले जा सकता है। एसपी शुभम आर्य ने प्रतिबद्धता जताई है कि अपराध पर लगाम लगाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। बक्सरवासियों से अपील है कि वे पुलिस के साथ सहयोग करें और अपने शहर को सुरक्षित बनाएं।
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