दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री पर हमले के आरोपी 41 वर्षीय व्यक्ति को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। यह हमला बुधवार सुबह मुख्यमंत्री के सिविल लाइंस कैंप ऑफिस में ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान हुआ था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है, और जांच आईबी तथा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, और जांच में सभी संभावित कोणों से पड़ताल की जा रही है।

बुधवार सुबह मुख्यमंत्री के सिविल लाइंस कैंप ऑफिस में ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम चल रहा था। आरोपी एक शिकायतकर्ता बनकर ऑफिस में घुसा और अचानक हमला कर दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारा और बाल पकड़ लिए। सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप कर आरोपी को काबू में किया। इस हमले को दिल्ली के एक मंत्री ने “सामान्य हमला नहीं” बताया और कहा कि आरोपी ने मुख्यमंत्री को जमीन पर गिराने की कोशिश की।
पुलिस ने बताया कि आरोपी गुजरात के राजकोट का निवासी है और दो दिन पहले दिल्ली आया था। वह नॉर्थ दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में ठहरा था। घटना के बाद पुलिस ने आरोपी के मोबाइल से दो वीडियो बरामद किए, जो ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के हैं। साथ ही, सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि आरोपी ने हमले से 24 घंटे पहले मुख्यमंत्री के शालीमार बाग स्थित निजी आवास की रेकी की थी। वह वीडियो रिकॉर्डिंग करते हुए देखा गया था।
पुलिस रिमांड और जांच
पुलिस ने आरोपी को 5 दिन की रिमांड पर लिया है ताकि जांच में सभी पहलुओं को खंगाला जा सके। सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 109(1), 132 और 221 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो हत्या के प्रयास से जुड़ा है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांच आईबी और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है। जांच में सभी संभावित कोणों, जैसे राजनीतिक साजिश या व्यक्तिगत रंजिश, को देखा जा रहा है।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश से परेशान था, जो आवारा कुत्तों से जुड़ा था। लेकिन पुलिस इस दावे की पुष्टि के लिए गहन जांच कर रही है। आरोपी को मेडिको-लीगल परीक्षण के लिए भेजा गया है, जो सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। पुलिस ने कहा कि अगर जांच में अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आई, तो अतिरिक्त गिरफ्तारियां भी की जा सकती हैं।
आरोपी का पृष्ठभूमि
पुलिस जांच में आरोपी के अतीत से जुड़ी कई बातें सामने आई हैं। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ गुजरात के भक्तिनगर पुलिस स्टेशन में 2017 से 2024 तक पांच एफआईआर दर्ज हैं। इनमें से दो मामले हमला और आपराधिक धमकी से जुड़े हैं, जबकि तीन शराब कब्जे और परिवहन से संबंधित हैं। आरोपी को इन मामलों में कई बार गिरफ्तार किया गया था, लेकिन चार मामलों में बरी हो गया, और एक शराब मामला अभी लंबित है।
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पड़ोसियों ने आरोपी को एक कुत्ता प्रेमी बताया, जो अक्सर घायल आवारा कुत्तों को अस्पताल ले जाता था और उन्हें खाना खिलाता था। उन्होंने पुलिस को बताया कि आरोपी एक शेल्टर होम बनाने की चर्चा करता था और हाल ही में एक उद्योगपति से दान मांगने गया था। आरोपी की मां ने भी पुलिस को बताया कि उसका बेटा कुत्तों से बहुत प्यार करता था और सुप्रीम कोर्ट के आदेश से परेशान था। उनका कहना है कि आरोपी का कोई राजनीतिक संबंध नहीं था।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
हमले के बाद मुख्यमंत्री ने इस घटना को “कायरतापूर्ण प्रयास” बताया। उन्होंने कहा कि यह हमला उनकी जनसेवा की प्रतिबद्धता पर कोई असर नहीं डालेगा और ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम पूर्ववत जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में दिल्ली की जनता की सेवा के प्रति अपनी दृढ़ता दोहराई और कहा कि इस तरह की घटनाएं उन्हें और मजबूत बनाती हैं।

जांच की दिशा और संभावनाएं
पुलिस और आईबी की संयुक्त टीम इस मामले में सभी संभावित कोणों से जांच कर रही है। आरोपी के मोबाइल से बरामद वीडियो और सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि वह हमले की योजना पहले से बना रहा था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी की पृष्ठभूमि और उसके संपर्कों की जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह एक व्यक्तिगत हमला था या इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र है।
घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री के कार्यालय और आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और जन सुनवाई कार्यक्रम में भी अतिरिक्त सावधानियां बरती जा रही हैं।
स्थानीय लोगों और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस हमले ने दिल्ली में राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। स्थानीय लोगों ने घटना की निंदा की और मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर चिंता जताई। राजनीतिक दलों ने भी इस हमले को गंभीर बताते हुए जांच की मांग की है। एक मंत्री ने कहा कि यह सामान्य हमला नहीं लगता, और इसमें गहरी जांच की जरूरत है।
दिल्ली पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर किसी को इस मामले में कोई जानकारी हो, तो वह तुरंत संपर्क करे। यह घटना दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था की चुनौतियों को भी उजागर करती है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री पर हुए इस हमले ने सुरक्षा और जांच एजेंसियों की सतर्कता को एक बार फिर सवालों के घेरे में ला दिया है। आरोपी को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है, और आईबी व स्पेशल सेल की संयुक्त जांच से उम्मीद है कि सच्चाई सामने आएगी। आरोपी की पृष्ठभूमि और उसके मकसद की जांच से यह पता चलेगा कि क्या यह एक व्यक्तिगत हमला था या इसके पीछे कोई साजिश। मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि वह इस घटना से विचलित नहीं हुई हैं और जनसेवा जारी रखेंगी। यह घटना सभी के लिए एक चेतावनी है कि सुरक्षा को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए।
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